निर्भ”या गैंग”रेप के गुनहगारों के चारों दो”षियों की तिहाड़ में होनेवाली फां”सी से करीब 13 घंटे पहले दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट के जज धर्मेन्द्र राणा ने उस पर रोक लगा दी। जज ने कहा कि चारों में से आखिर में एक पवन गुप्ता की दया याचिका राष्ट्रपति भवन में लंबित है। दोपहर सुनाए गए फैसले में जज ने कहा कि अगले आदेश तक निर्भया के गुनहगारों की फांसी पर रोक लगाई जाती है।
इससे पहले, सोमवार की सुबह जज ने पवन के की तरफ से फांसी रोकने के लिए किए गए अनुरोध को खारिज कर दिया। लेकिन, राष्ट्रपति के पास दया याचिका लंबित होने के चलते अपने फैसले को सुरक्षित रख लिया था। लेकिन, ऐसा पहली बार नहीं है जब निर्भया के दोषियों की फांसी टाली गई है। इससे पहले दो बार और दोषियों के खिलाफ डेथ वारंट जारी किया जा चुका है।
पहला डेथ वारंट
निर्भया के गुनहगारों के खिलाफ जारी किए गए पहले डेथ वारंट जारी कर 22 जनवरी को सुबह 7 बजे फांसी देने का पटियाला हाउस कोर्ट ने आदेश सुनाया था।
दूसरा डेथ वारंट
निर्भया के दोषियों के खिलाफ दूसरा डेथ वारंट 17 जनवरी को जारी कर 1 फरवरी को फांसी की तारीख मुकर्रर की गई थी।
तीसरा डेथ वारंट
निर्भया केस में तीसरा डेथ वारंट 17 फरवरी को जारी कर दोषियों को 3 मार्च की सुबह 6 बजे फांसी देने का आदेश दिया गया था। लेकिन, 2 मार्च को यानि फांसी की तारीख से एक दिन पहले पटियाला हाउस कोर्ट ने उस फैसले पर रोक लगा दी।
तीन दोषियों की याचिका राष्ट्रपति कर चुके हैं खारिज
राष्ट्रपति अन्य तीन दोषियों मुकेश, विनय और अक्षय की दया याचिका पहले ही खारिज कर चुके हैं। इससे पहले मुकेश और विनय ने अपनी याचिकाओं को खारिज करने के राष्ट्रपति के फैसले को उच्चतम न्यायालय में अलग-अलग चुनौती दी थी, जिन्हें शीर्ष अदालत ने खारिज कर दिया था।
गौरतलब है कि 16-17 दिसंबर 2012 की रात फिथिजियोरेपी की 23 वर्षीय छात्रा से दक्षिणी दिल्ली में चलती बस में सामूहिक बलात्कार किया गया था और लगभग 15 दिन बाद मौत हो गई थी। बाद में निर्भया नाम दिया गया था। छठे आरोपी राम सिंह ने मामले की सुनवाई शुरू होने के बाद कथित रूप से तिहाड़ जेल में आत्महत्या कर ली थी। वहीं, किशोर को तीन साल सुधार गृह में रखने के बाद 2015 में रिहा कर दिया गया था।
Input : Live Hindustan