हाथरस में कथित तौर पर एक दलित युवती के साथ गैंगरेप और उसके बाद शव को परिवार की मनमर्जी के खिलाफ पुलिसवालों की तरफ से जलाने को लेकर जहां लोगों में आक्रोश है तो वहीं दूसरी तरफ सियासी बवाल भी मचा हुआ है। इस मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट की तरफ से स्वत: संज्ञान से लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यानाथ की तरफ से लिए गए एक्शन के बावजूद गुस्सा थमता नजर नहीं आ रहा है।

इधर, इस मामले में अब कानूनी पैरवी हाथरस के कथित गैंगरेप के आरोपियों की ओर से वकालत एपी सिंह करेंगे जिन्होंने निर्भया के बलात्कारियों का कोर्ट में कानूनी बचाव किया था। पूर्व केन्द्रीय मंत्री मानवेन्द्र सिंह की तरफ से लिखे गए पत्र कहा गया है कि हाथरस के आरोपियों का केस एपी सिंह लड़ेंगे। इसके साथ ही आगे कहा गया है कि एपी सिंह की फीस अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा की तरफ से इकट्ठी कर दी जाएगी।

पत्र में आगे कहा गया है कि हाथरस केस में एससी-एसटी कानून का पूर्ण रूप से दुरुपयोग कर सवर्ण समाज खासकर राजपूत को बदनाम किया जा रहा है। इसलिए हाथरस केस में मामले को दूध का दूध और पानी का पानी करने के लिए एपी सिंह को वकीरल नियुक्त किया जा रहा है।

दूसरी तरफ, निर्भया के दोषियों को फांसी की सजा दिलाने वाली अधिवक्ता सीमा समृद्धि कुशवाहा अब हाथरस में दलित लड़की के साथ कथित सामूहिक दुष्कर्म और हत्या के मामले में पीड़ित परिवार का मुकदमा लड़ेंगी। इसके लिए पीड़ित परिवार ने भी सहमति दे दी है और जरूरी दस्तावेज पर हस्ताक्षर भी कर दिए हैं।

गौरतलब है कि 14 सितबंर को 19 वर्षीय दलित युवती के साथ यह खौफनाक सलूक किया गया था। उसकी हालत बिगड़ते देख दिल्ली के सफदरजंग में इलाज के लिए रेफर किया गया। लेकिन, उसने वहां पर इलाज के दौरान दम तोड़ दिया।

इस घटना के बाद पुलिस ने इलाके में धारा 144 लगाते हुए मीडिया समेत सभी की एंट्री पर यह कहते हुए रोक लगा दी थी कि एसआईटी जांच चल रही है। इसके बाद योगी सरकार की तरफ से इलाके के इंस्पेक्टर, डीएसपी और एसपी को सस्पेंड कर दिया गया और सीबीआई जांच की सिफारिश की गई। लेकिन, डीएम पर कोई कार्रवाई न होने को लेकर चौतरफा सवाल उठाया जा रहा है। इस बीच, हाथरस आरोपियों के बचाव में कई सभाएं हुई हैं और कहा जा रहा है कि उन्हें फंसाया जा रहा है।

Input: Live Hindustan

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