नेपाल (Nepal) में पहली बार एक सुनहरे कछुए (Golden Turtle) की खोज की गई है. डेली मेल की रिपोर्ट के अनुसार, कछुए को अब भगवान विष्णु का अवतार (Incarnation of Lord Vishnu) माना जा रहा है. मिथिला वाइल्डलाइफ ट्रस्ट के अनुसार, जिसने कछुए को एक भारतीय फ्लैपशेल कछुए या लिसेमिस पंचाटा एंडर्सनी के रूप में पहचाना. यह कछुआ अपने दुर्लभ रंग की वजह से चर्चा में है. कछुआ सोने के गोले की तरह नजर आ रहा है, जिसे क्रोमैटिक ल्यूसिज्म कहते हैं.
माना जा रहा है दुनिया में पहली बार इसे पांचवीं बार देखा गया है और नेपाल में इसे पहली बार स्पॉट किया गया है. ट्रस्ट के अनुसार, धनुशधाम संरक्षित वन में पशु रक्षक चंद्रदीप सदा द्वारा कछुए को बचाया गया था. इस खोज ने ऑनलाइन एक बड़ी चर्चा पैदा कर दी है, और कछुए की तस्वीरें सोशल मीडिया पर बड़े पैमाने पर वायरल हुई हैं.
‘Shine divine’: Rare turtle born with golden shell hailed as incarnation of God in Nepal pic.twitter.com/9aegZ188rO
— Ram Murthy K (@ram38001) August 21, 2020
कमल देवकोटा, एक सरीसृप विशेषज्ञ जिन्होंने खोज को प्रलेखित किया और हाल ही में देव नारायण मंडल और हाइनरिक कैसर के साथ कछुए पर एक शोध पत्र प्रकाशित किया, उन्होंने कहा कि इसका गहरा आध्यात्मिक महत्व था.
उन्होंने कहा, “न केवल सुनहरे जानवर, बल्कि कछुओं का नेपाल में महत्वपूर्ण धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व है. हिंदू पौराणिक कथाओं में कछुए का ऊपरी खोल आकाश को दर्शाता है और निचला खोल पृथ्वी को दर्शाता है.”
https://twitter.com/bobby23020132/status/1296651245541679104?ref_src=twsrc%5Etfw%7Ctwcamp%5Etweetembed%7Ctwterm%5E1296651245541679104%7Ctwgr%5E&ref_url=https%3A%2F%2Fwww.india.com%2Fhindi-news%2Fothers%2Fgolden-turtle-seen-in-nepal-rare-turtle-gone-viral-people-says-incarnation-of-lord-vishnu-start-worship-4118002%2F
ग्लोबल वॉयस संगठन के साथ एक ईमेल साक्षात्कार में, श्री देवकोटा ने स्पष्ट किया: “हमारी टीम के सदस्य, चंद्रदीप सदा, ने 14 अप्रैल, 2018 को धनुषाधाम नगर पालिका, नेपाल से इस दुर्लभ स्वर्ण कछुए को बचाया. बाद में, देव नारायण मंडल ने इसे एक भारतीय फ्लैपशेल कछुए के रूप में पहचाना. हमने इसके बारे में और शोध किया और पाया कि रंग का विचलन प्रकृति में काफी दुर्लभ है.”
https://www.facebook.com/mithilawildlifetrust/posts/3009229822532242
सबूत के रूप में तस्वीरें लेने के बाद गोल्डन कछुए को वापस जंगल में छोड़ दिया गया.