सपने पूरे करने के लिए सपने देखना जरूरी होता है और आखिर में वो सच भी होते हैं. ऐसा ही सपना पूरा हुआ 52 वर्षीय मनदीप कौर का. बचपन में मनदीप की मां ने उनको कहा कि तुम अगर लड़का होती तो पुलिस में भर्ती हो सकती थी. हालांकि पुलिस बनने का सफर उनका आसान नहीं था. लेकिन तमाम चुनौतियों के बाद वो न्यूजीलैंड में पुलिस बनने वाले पहली भारतीय महिला बनी हैं और पुलिस में सीनियर सर्जेंट पद तक पहुंचने वाली भी इकलौती भारतीय हैं.

न्यूजीलैंड हेराल्ड की एक रिपोर्ट के मुताबिक, मनदीप का ये सफर बहुत संघर्ष भरा रहा. पंजाब के मानसा के एक गांव कमालू की रहने वाली मनदीप की 18 साल में शादी हो गई थी. शादी में तालमेल नहीं बैठने के कारण साल 1992 में उनकी शादी टूट गयी और वो अपने दो बच्चों के साथ मायके आकर रहने लगीं.

1996 में मनदीप अपने बच्चों को मायके में छोड़ कर, कुछ पैसा कमाने ऑस्ट्रेलिया चली गयी. उस वक्त उनको सही से अंग्रेजी बोलनी नहीं आती थी. वहां उनकी पहली नौकरी सेल्सपर्सन के रूप में लगी जिसमें उनको घर-घर जाकर लोगों को उनका मोबाइल नंबर बदलवाने के लिए राजी करना था.

1999 में मनदीप न्यूजीलैंड में शिफ्ट हो गईं और वहां टैक्सी ड्राइवर का काम करने लगीं. एक दिन टैक्सी में एक यात्री ने उनसे कहा कि अपने बचपन के सपने को जीना आपको खुश रखने में मदद करता है. बस इसी के बाद से उनके जहन में बचपन से पुलिस वाले सपने ने दोबारा दस्तक दी.

मनदीप YMCA वुमन लॉज में रहती थीं जो ऑकलैंड में था. वहां जॉन पैग़लर नाम का रिटायर पुलिस कर्मी नाईट रिसेप्शनिस्ट के तौर पर कार्य करता था. जब मनदीप रात को टैक्सी चला कर आती तो वो उनको हॉट मिलो बनाकर देते और उनसे उनके दिन का हाल चाल पूछते और अपने पुलिस के दिनों की कहानियां सुनाया करते. इसी बीच मनदीप ने उनके आगे पुलिस में जाने की इच्छा जाहिर की तो पैग़लर ने कहा कि न्यूजीलैंड पुलिस में बाहर के लोगों का होना और अपनी पहचान बनाना उनके देश के लिए काफी जरूरी है.

इसके बाद मनदीप का सपना साकार करने के लिए उनके माता-पिता, बच्चे, दोस्त, पैग़लर सभी मदद करने लगे. मनदीप ने न्यूजीलैंड पुलिस में भर्ती होने के लिए स्विमिंग सीखी और अपना 20 किलो वजन कम किया.

2004 में मनदीप ने सीनियर कॉन्स्टेबल के तौर पर पुलिस जॉइन की और आज वो सीनियर सर्जेंट है और इस मुकाम पर पहुंचने वाली पहली भारतीय महिला भी हैं. रिपोर्ट के मुताबिक वो कहती हैं कि अगर आप अपने आसपास देखोगे तो हमेशा आपको ऐसे लोग दिखेंगे जो आपकी मदद कर सकते हैं. उन्हें पहचानने में खुद में बदलाव करो और उस बदलाव के जरिए खुद को बदलो.

Source : Aaj Tak

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