मधेपुरा सांसद पप्पू यादव ने लोकसभा चुनावों में खुद की दावेदारी का निर्णय पूरी तरह से कांग्रेस पर छोड़ दिया है. उन्होंने आज शनिवार को साफ़ कहा कि हम कांग्रेस के साथ लगातार खड़े रहे हैं और राहुल गांधी को अपनी भावनाओं से अवगत करा दिया है. कांग्रेस का जो भी निर्णय , वह मुझे और मेरी ‘जन अधिकार पार्टी (लो)’ को स्वीकार होगा. इसके बाद सांसद ने राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के लिए अपनी प्रतिबद्धता जाहिर की.
सांसद ने कहा कि लालू प्रसाद यादव से मेरा कोई मतभेद नहीं है. उनके साथ हमारा व्यक्तिगत संबंध आज भी अच्छे हैं. उनके साथ खून का रिश्ता है. मगर राजद में ही कुछ प्रवक्ताओं ने उनको इस हालत में पहुंचाया है. उन्होंने आगे कहा कि वैचारिक मतभेद हो सकता है, लेकिन अब मतभेद भुलाकर देश, युवा और किसानों के हित में साथ आने की जरूरत है. हम महागठबंधन के सभी सहयोगियों का सम्मान करते हैं.
सांसद पप्पू यादव ने हाल ही में लालू यादव के बेटे व नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के खिलाफ बयान देकर राजनीति गरम कर दी थी. उन्होंने इशारों में कहा था कि महागठबंधन बंदर के हाथों में है. ऐसे में महागठबंधन का नेतृत्व कांग्रेस पार्टी को करना चाहिए साथ ही चुनाव में सीट शेयरिंग का मुद्दा भी अपने तरीके से हल करना चाहिए.
मालूम हो कि पप्पू यादव ने एक ओर लालू यादव के प्रति हमेशा हमदर्दी दिखायी है, वहीँ तेजस्वी के खिलाफ हमलावर रहे हैं. उन्होंने खुद को लालू यादव का असली राजनीतिक वारिस तक बता दिया था. उन्होंने हाल में कहा था कि लालू यादव बड़े दिल वाले हैं और उनकी तथा जन अधिकार पार्टी की विचारधारा एक है और इसी के रास्ते महागठबंधन को सफलता मिलेगी.
कितनी सीटों पर लड़ेंगे पप्पू?
सांसद ने इसी माह समस्तीपुर में कहा था कि अगर लोकसभा चुनाव में गठबंधन होता है तो उनकी पार्टी 2 सीट पर चुनाव लड़ेगी. जबकि ऐसा न होने की स्थिति में वे 3 से 4 सीटों पर चुनाव लड़ सकते हैं.
Input : Live Cities