महाराष्ट्र के पालघर में कुछ दिन पहले हुई दो संतों की निर्मम हत्या से हर कोई आहत है। धर्मगुरुओं से लेकर राजनेताओं तक तक इसकी कड़े स्वर में निंदा की है। इस घटना से आहत आहत संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कानून व्यवस्था पर सवाल उठाया है तो वहीं हिंदू धर्म आचार्य सभा और विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने 28 अप्रैल को इन संतों को श्रद्धांजलि देने के लिए कार्यक्रम आयोजित करने का आह्वान किया है। आपको बता दें कि इन निर्मम हत्या से केवल हिंदू समाज ही आहत नहीं है बल्कि मुस्लिम समाज भी इससे आहत हुआ है। भारत के चीफ इमाम और अखिल भारतीय इमाम संगठन के अध्यक्ष डॉक्टर उमेर इलयासी ने इसकी कड़े शब्दों में निंदा करते हुए इसकी निष्पक्ष जांच और दोषियों को सजा की मांग की है।
उन्होंने कहा है कि इन हत्याओं से पूरा संत समाज और मुस्लिम समाज आहत हुआ है। उन्होंने कहा कि जिन संतों की हत्या हुई उनमें से एक बेहद बुजुर्ग थे। संतों का कोई धर्म नहीं होता वो समाज के कल्याण के लिए अपना सबकुछ न्यौछावर कर देते हैं। संत समाज के लिए मार्गदर्शक की भूमिका अदा करते हैं। उन्होंने दैनिक जागरण से बातचीत में ये भी कहा कि जिस तरह से पुलिस की मौजूदगी में ये हत्याएं हुईं वो सभी को आहत करने वाली है। आपको बता दें कि पुलिस अपनी सफाई में ये बात पहले ही कह चुकी है कि साधुओं पर हमला करने वालों की संख्या इतनी ज्यादा थी कि वो उनका बचाव करने में असमर्थ साबित हुए थे। डॉक्टर इलयासी ने कहा कि इस घटना की सभी को एकजुट होकर निंदा करनी चाहिए और भारत सरकार से अपील करनी चाहिए कि इस तरह का अपराध करने वालों पर कड़ाई से निपटा जाए और कठोर कानून बनाए जाएं जिससे दोबारा किसी को ऐसा करने की हिम्मत भी न हो सके।
आपकों यहां पर ये भी बता दें कि इस मामले में पुलिस की भूमिका पर भी कई लोगों और नेताओं ने सवाल खड़े किए हैं। हालांकि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा है कि दोषियों को किसी भी सूरत से बख्शा नहीं जाएगा और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। संतों की हत्या पर यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने ठाकरे से बात की है। विहिप के केंद्रीय महामंत्री मिलिंद परांडे ने इस हत्याकांड को साजिश बताते हुए कहा कि इसमें वामपंथ का हाथ होने का आरोप लगाया है।