मुजफ्फरपुर जिले का गायघाट विधानसभा क्षेत्र सुर्खियों में है. बदलाव की संभावना दिख रही है. यहां वैशाली की लोजपा सांसद वीणा देवी की बेटी कोमल सिंह ने दावेदारी कर दी है. भले ही मां लोजपा में हैं, लेकिन पिता दिनेश सिंह जदयू के विधान पार्षद हैं. कोमल ने 8 सितंबर को गायघाट का दौरा कर सनसनी पैदा कर दी. कोमल सिंह की उम्र अब चुनाव लड़ने की हो गयी है. वह समाजिक कार्यकर्ता भी हैं. उनकी मां जब लोकसभा चुनाव लड़ रही थी, उस समय कोमल सक्रिय थी.
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2019 में सांसद बनने वाली कोमल की मां वीणा देवी 2015 के विधानसभा चुनाव में हार गई थीं. कारण बने थे अशोक सिंह. अशोक सिंह अभी जदयू में हैं. लेकिन टिकट मिलने की उम्मीद सिटिंग एमएलए महेश्वर यादव को है. वे पिछले माह ही राजद से जदयू में शामिल हुए हैं.
मां लोजपा में तो पिता जदयू में
लोजपा सांसद वीणा देवी की बेटी कोमल सिंह 2015 में मां के चुनाव में काफी सक्रिय थी. सामाजिक कार्यों में भी बढ़-चढ़ कर भाग लेती है. इनके पिता जदयू एमएलसी दिनेश सिंह की पकड़ कई पार्टियों पर है.
हालांकि, यह तय नहीं है कि कोमल राजद से ही लड़ेगी. पिता जदयू व मां लोजपा में है, ऐसे में राजद से लड़ना भी मुश्किल होगा. लालू यादव यहां महेश्वर यादव को हर हाल में धूल चटाना चाहेंगे. वह जानते हैं कि यहां यादव व राजपूत में टशन चलते रहता है. वह किसी राजपूत को टिकट देंगे तो उनका आधार वोट बैंक उनसे अलग हो सकता है. इस पार्टी से सबसे ज्यादा चर्चा निरंजन राय की है. वीआइपी से लाल बाबू सहनी का नाम आ रहा है. जातीय गोलबंदी मजबूत है.यदि राजद और जदयू दोनों यहां यादव उम्मीदवार देते हैं तो किसी तीसरी पार्टी से कोमल की दावेदारी हो सकती है. लेकिन इन सबसे परे कोमल क्षेत्र का लगातार भ्रमण कर रही है.
2015 में यह रहा था हाल
बिहार 2020 के चुनाव से पूर्व 2015 के चुनावी नतीजे जान लें. 2015 में राजद के महेश्वर यादव 67,313 मत लाकर चुनाव जीते थे. लोजपा की वीणा देवी हार गई थीं. उन्हें 63,812 मत मिले थे. लेकिन वे लोकसभा चुनाव जीत गईं. 2015 में वीणा देवी की हार की वजह अशोक कुमार सिंह बने. वे निर्दलीय लड़े और 7826 मत लाए. वहीं, जीतने वाले महेश्वर यादव अब जदयू में शामिल हो गए हैं. नीतीश इन्हें ही 2020 में टिकट देंगे. अशोक सिंह भी जदयू में ही है.
Source : Live Cities