बीआरए बिहार विश्वविद्यालय में स्नाकोत्तर विभागों समेत कॉलेजों में जारी नामांकन बीच में रोक दिया गया है। अब जांच और सुधार के बाद नामांकन की प्रक्रिया दोबारा शुरू होगी। सोमवार को विवि खुलते ही प्रोवीसी डॉ. आरके मंडल की अध्यक्षता में एडमिशन मॉनीटरिंग कमेटी की बैठक में नया एडमिशन प्रॉसेस शुरू किया गया। कटऑफ से एडमिशन और जारी मेधा सूची में गड़बड़ी की शिकायतों को लेकर फजीहतों के बाद आखिरकार विश्वविद्यालय को नामांकन प्रक्रिया स्थगित करनी पड़ी है। 25 जून से नामांकन प्रारंभ है। पहले सात जुलाई तक फिर दो जुलाई तक नामांकन लेने की घोषणा की गई। छात्रों की शिकायतों व विभिन्न स्रोतों से मिली जानकारी के आधार पर दैनिक जागरण नामांकन प्रक्रिया में गड़बड़ियों की ओर लगातार अधिकारियों का ध्यान आकृष्ट करा रहा था। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने भी 29 जून को प्रोवीसी के चैंबर में हंगामा मचाया था।

डिसेंट्रलाइज्ड एडमिशन सिस्टम से गलती नहीं होगी : क्यों हुई गड़बड़ी इस बाबत अधिकारियों का तर्क है कि पहले एक ही जगह से सारा काम हो रहा था जिससे त्रुटि रह गई होगी। अब एडमिशन सिस्टम डिसेंट्रलाइज्ड कर दिया गया है। एडमिशन पैनल के जरिए होगा और मॉनीटरिंग कमेटी उसकी मॉनीटरिंग करती रहेगी। नामांकन प्रक्रिया इसी हफ्ते यानी तीन-चार दिनों में शुरू हो जाएगी। 15 जुलाई तक कक्षा भी शुरू हो जानी चाहिए। इस बात की क्या गारंटी है कि नई व्यवस्था फुलप्रूफ ही होगी इसपर अधिकारियों की दलील है कि जांच और सुधार के लिए ही नामांकन रोका गया है तो स्वाभाविक है उसमें गलती की गुंजाइश नहीं होनी चाहिए।

एडमिशन के लिए बना नया पैनल: एडमिशन मॉनीटरिंग कमेटी के कन्वेनर डॉ. सीकेपी शाही ने बताया कि अब नई व्यवस्था लागू की गई है। यानी पैनल तैयार किया गया है। पीजी विभागों में जितने विषय हैं उसके विभागाध्यक्ष अब उस पैनल के मेंबर होंगे। एक और सीनियर सदस्य मेंबर होंगे। फैकल्टी डीन चेयरमैन होंगे। हर विषय के बोर्ड में एक अनुसूचित जाति के सदस्य भी शामिल रहेंगे। ये ही लोग एडमिशन का पैनल तैयार करेंगे। मतलब कटऑफ के आधार पर एडमिशन किनका किस विषय में और किस कॉलेज में होगा। कोटिवार आरक्षण का लाभ भी इसी पैनल की अनुशंसा पर मिल सकेगा।

Input : Dainik Jagran

 

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