बिहार पुलिस के अधिकारियों से जो काम खुद नीतीश कुमार नहीं करवा पाये वो अब DGP गुप्तेश्वर पांडेय करावेयेंगे. डीजीपी ने एलान किया है कि उनके निर्देश पर बिहार पुलिस के तमाम बड़े अधिकारी महीने में एक दिन गांव में गुजारेंगे. ये अलग बात है कि खुद नीतीश कुमार अपने अधिकारियों को ये बात कह कर हार गये शायद ही किसी ने उनकी बात सुनी.

डीजीपी का एलान

दरअसल बिहार के डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय इन दिनों क्षेत्र के दौरे पर हैं. भागलपुर में उन्होंने पुलिस आपके द्वार कार्यक्रम की शुरूआत की. इस मौके पर DGP ने एलान कर दिया कि पुलिस के छोटे बड़े अधिकारी अब गांव में रात गुजारेंगे. SP, DIG, IG के साथ साथ DGP हर महीने एक रात गांव में गुजारेंगे. डीएसपी 15 दिन में से एक दिन गांव में रहेंगे. वहीं थानेदार हर सप्ताह एक दिन गांव में गुजारेंगे.

DGP ने निर्देश दिया है कि गांवों में डेरा डाल कर पुलिस अधिकारी लोगों की शिकायत सुनेंगे और उसे ऑन द स्पॉट निपटाने की कोशिश करेंगे. डीजीपी ने कहा कि पुलिस हेडक्वार्टर इसकी मॉनिटरिंग करेगा. जल्द ही हर पुलिस अधिकारी को राज्य पुलिस मुख्यालय से एक फार्मेट मिल जायेगा. गांव में रात गुजारने के बाद पुलिस अधिकारी उस फार्मेट को भर कर अपने हेडक्वार्टर भेजेंगे. उस आधार पर उनके काम का मूल्यांकन किया जायेगा.

नीतीश की नहीं सुनी तो क्या डीजीपी की बात मानेंगे अधिकारी

ये वही फरमान है जिसे सत्ता में आने के बाद नीतीश कुमार बार-बार अपने अधिकारियों के सामने दुहराते रहे. 2005 में सत्ता में आने के बाद नीतीश कुमार ने अधिकारियों के साथ अपनी हर मीटिंग में DM-SP के साथ दूसरे अधिकारियों के महीने में एक रात गांव में बिताने का निर्देश दिया. लगातार पांच साल तक नीतीश कुमार ये फरमान सुनाते रहे लेकिन शायद ही किसी अधिकारी ने उनकी बात सुनी. ऐसे में सवाल ये है कि क्या बिहार के पुलिस अधिकारी डीजीपी की बात सुनेंगे.

Input : First Bihar Jharkhand

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