बिहार के दरभंगा जिले में नगर थाना क्षेत्र के बड़ा बाजार स्थित अलंकार ज्वेलर्स में गत नौ दिसंबर को पांच करोड़ के जेवरात लूट की घटना में कुल 16 अपराधी शामिल थे। इनमें दरभंगा के अलावा हाजीपुर और मधुबनी के अपराधी शामिल थे। पुलिस ने घटना में शामिल दरभंगा के सात अपराधियों की गिरफ्तारी के बाद पूरे मामले के खुलासे का दावा किया है। हालांकि लूटकांड को अंजाम देने वाले मुख्य अपराधी अभी भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं। वहीं, लूटे गए जेवरात व नगद की बरामदगी भी अभी तक नहीं हो पायी है।
एसएसपी बाबू राम ने शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि बाहर के अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए लगातार छापेमारी की जा रही है। उन्होंने कहा कि घटना के बाद से सीसीटीवी फुटेज के आधार पर लगातार चल रही छापेमारी के क्रम में पुलिस ने शुक्रवार की देर रात लहेरियासराय थाना क्षेत्र के मदारपुर स्थित मंडल लॉज और मौलागंज स्थित बैलीपोखर से सात अपराधियों को गिरफ्तार किया। इन अपराधियों में मदारपुर के भूषण सहनी, कन्हैया कुमार, केशव कुमार, राजकुमार, पवन कुमार तथा लहेरियासराय थाने के मोगलपुरा निवासी गणेश कुमार व मौलागंज निवासी राजू उर्फ शाका उर्फ कोठिया शामिल हैं। इन अपराधियों पर बाहर के अपराधियों को शरण देने का आरोप है। एसएसपी ने कहा कि लूट की घटना में 16 अपराधी शामिल थे। इनमें से छह नखास चौक, हाजीपुर और तीन अपराधी मधुबनी जिले के जयनगर के हैं। अन्य सात अपराधियों ने लूट में इनकी मदद की थी।
दरभंगा के ज्वेलरी कारीगर ने रची थी लूट की साजिश:
एसएसपी ने कहा कि घटना का मुख्य साजिशकर्ता दरभंगा का ही ज्वेलरी कारीगर कन्हैया साह है। एक साल पहले तक वह लहेरियासराय के बाकरगंज स्थित एक ज्वेलरी दुकान में कारीगर का काम करता था। उस दौरान अलंकार ज्वेलर्स में उसका आना-जाना था। बाद में उसने अपनी खुद की दुकान खोल ली। इसके बाद भी वह अलंकार ज्वेलर्स में आता-जाता था। अलंकार ज्वेलर्स में भारी मात्रा में जेवरात देखकर उसके मन में लालच आ गया और उसने लूट की साजिश रच डाली।
कन्हैया की दुकान का कारीगर केशव कुमार साह भी लूट की इस साजिश में शामिल था। इसके बाद कन्हैया ने जयनगर के रहने वाले मित्र दिनेश यादव से संपर्क किया। लेकिन कन्हैया को धीरे-धीरे लगने लगा कि यह काम अकेले दिनेश यादव के वश का नहीं है। तब उसने अपने मित्र मदारपुर के भूषण सहनी को इसके बारे में बताया। भूषण सहनी का रिश्तेदार हाजीपुर के नखास चौक का रहने वाला मनीष सहनी सोना लूटकांड की बड़ी घटना को अंजाम दे चुका था। इन लोगों ने समझा कि मनीष सहनी ही इस घटना को अंजाम दे सकता है क्योंकि उसके पास हथियार, आदमी व अनुभव भी था। भूषण सहनी ने मनीष सहनी तथा उनके साथियों को मदारपुर बुलाया तथा कन्हैया साह एवं अन्य साथियों से मीटिंग कराई।
लूट से पहले मदारपुर के लॉज में रुके थे अपराधी:
घटना को अंजाम देने के लिए कन्हैया ने पहले दुकान, बाजार तथा रास्तों की रेकी कराई। उसके बाद सभी अपराधी आठ दिसंबर को मदारपुर के एक लॉज पर रात में रुके। रात में फिर से एक बार दुकान एवं बाजार की रेकी की गई। सुबह पांच बजे उठकर सभी अपराधी एनएच की ओर चाय-नाश्ता करने चले गए। फिर पूर्व निर्धारित समय पर लूट को अंजाम देने के लिए घटनास्थल पर पहुंचे। सभी स्थानीय अपराधी पूर्व निर्धारित स्थानों पर पहुंचकर पुलिस की गतिविधि पर नजर रख रहे थे। इसी बीच दूसरे जिले से आए अपराधियों ने लूट को अंजाम दिया और अलग-अलग रास्तों से भाग गए।
मनीष सहनी गिरोह की झारखंड पुलिस को भी तलाश:
एसएसपी ने बताया कि हाजीपुर के मनीष सहनी और उसके गिरोह की तलाश झारखंड पुलिस भी कर रही है। एसएसपी ने बताया कि गिरफ्तार अपराधियों के पास से एक कट्टा, दो कारतूस, दो सौ ग्राम गांजा व 20 पत्ता नशे की गोलियां बरामद हुई हैं। इसके अलावा घटना में उपयोग की गयी दो पल्सर बाइक एवं पांच मोबाइल फोन भी बरामद किये गए हैं। एसएसपी ने बताया कि लूटे गए जेवरात की बरामदगी के लिए कई टीमों का गठन किया गया है। ये टीमें लगातार छापेमारी कर रही हैं। जल्द ही लूटा गया सोना बरामद कर लिया जाएगा एवं बचे हुए अपराधी भी गिरफ्तार कर लिए जाएंगे।
लापरवाह अधिकारी व पुलिसकर्मी पर होगी कार्रवाई:
एसएसपी ने कहा कि लूट की घटना के बारे में नगर थानाध्यक्ष ने तुरंत सूचना नहीं दी। उनकी इस लापरवाही की भी जांच कराई जा रही है। इसके अलावा गश्ती करने वाले पुलिस कर्मियों की लापरवाही का भी पता लगाया जा रहा है। जितने भी लापरवाह पुलिस अधिकारी व कर्मी हैं, उन लोगों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।
Input: Live Hindustan