देश के 104 बड़े शहरों की तुलना में शनिवार को पटना की हवा सबसे प्रदूषित रही। केंद्रीय प्रदूषण बोर्ड द्वारा जारी वायु गुणवत्ता सूचकांक में पटना का पीएम 2.5 (पार्टिकुलेट मैटर) दिल्ली, गाजियाबाद, गुरुग्राम, कानपुर, लखनऊ और कोयला खदानों के लिए प्रसिद्ध धनबाद से भी ज्यादा रिकॉर्ड किया गया। इससे पहले पिछले साल 21 नवंबर को देश के सबसे प्रदूषित शहर के रूप में पटना का नाम दर्ज हुआ था। शनिवार को पटना में पीएम 2.5 का स्तर सामान्य से करीब सात गुना अधिक रिकॉर्ड किया गया। पटना में पीएम 2.5 का स्तर 406 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर रिकॉर्ड किया गया, जबकि पूरे देश में मुजफ्फरपुर 398 के साथ कानुपर के साथ दूसरे स्थान पर रहा।
पटना की वायु गुणवत्ता इस बार छठ के मौके पर 3 नवंबर को भी खतरनाक स्तर पर थी। सरकार ने आपात बैठक बुला कर 15 वर्ष पुराने व्यावसायिक वाहनों के पटना में परिचालन पर रोक लगाने और निर्माण स्थल पर निरंतर पानी का छिड़काव करने जैसे आदेश जारी किए थे।
बीते 18 नवंबर को पटना का पीएम 2.5 स्तर 279 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर दर्ज किया गया था। 19 नवंबर से वायु प्रदूषण बढऩे लगा और 23 नवंबर को देश में सबसे खतरनाक स्तर पर रिकार्ड किया गया। मुजफ्फरपुर और कानपुर प्रदूषण के मामले में देश में दूसरे स्थान पर रहे। दोनों शहरों का पीएम 2.5 का स्तर 398 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर रिकार्ड किया गया है। मुजफ्फरपुर में बीते साल 21 नवंबर को पीएम 2.5 का स्तर 436 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर पहुंचा था।.
दिल्ली, गाजियाबाद, नोएडा और ग्रेटर नोएडा के अलावा निकटवर्ती शहरों में गुरुग्राम की हवा प्रदूषण के लिए जानी जाती है। पटना और मुजफ्फरपुर ने इन शहरों को भी प्रदूषण के मामले में पीछे छोड़ दिया। शनिवार को दिल्ली में पीएम 2.5 का स्तर 322, गाजियाबाद में 358, गुडग्राम में 345, आगरा में 209, कानपुर में 398, मुजफ्फरपुर में 398, ग्रेटर नोएडा में 344, लखनऊ में 320, नोएडा में 328 और बनारस में 327 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर रिकॉर्ड किया गया।
पटना का पीएम2.5 स्तर (माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर)
- 23 नवंबर – 406
- 22 नवंबर – 372
- 21 नवंबर – 356
- 20 नवंबर – 347
- 19 नवंबर – 279
- 18 नवंबर – 313
Input: Danik Jagran