नई दिल्ली. भारतीय रेलवे (Indian Railway) में जल्द ऐतिहासिक बदलाव देखने को मिल सकते हैं. रेलवे बोर्ड (Railway Board) के पास भेजे गए नए प्रस्ताव में रेलवे यात्री टिकट (Train Ticket) को प्रिंट करना बंद किया जाएगा. स्टेशन मास्टर्स (Station Masters) का सिग्नल मेंटेनर के रूप में काम करना, टीटी (TTE) की जगह आरपीएफ (Railway Police Force) स्टाफ और यात्रा के दौरान ट्रेन में मौजूद तकनीशियन टिकट की जांच (Ticket Checking) करने का प्रस्ताव दिया गया है. आपको बता दें कि बदलाव संबंधी ये सभी प्रस्ताव रेलवे को उसके अलग-अलग जोन से प्राप्त हुए हैं. हालांकि, रेलवे बोर्ड द्वारा अभी इस पर कोई फैसला नहीं लिया गया है.
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अब क्या होगा- प्रस्तावों को अंतिम रूप देने से पहले समिति द्वारा जांच की जाएगी और रेलवे बोर्ड को भेजा जाएगा. हालांकि, समिति के पास इस पूरी प्रक्रिया को पूरा करने के लिए 1 महीने का समय है. लेकिन रेलवे बोर्ड इन प्रस्तावों को हरी झंडी दे देता है तो भारतीय रेल के इतिहास में ये सबसे बड़े बदलाव होंगे.
रेलवे जोन की ओर से जारी नए प्रस्ताव-
(1) रेलवे को भी एयरलाइंस की तर्ज पर टिकट की प्रिंटिंग नहीं करनी चाहिए. बल्कि यात्रियों को अपने मोबाइल पर ही टिकट दिखाने के लिए अनुमति दी जानी चाहिए.
(2) हवाई अड्डों पर लगे सेल्फ-प्रिंटिंग बोर्डिंग पास की तरह ही ट्रेन यात्रियों को भी सेल्फ-टिकट प्रिंटिंग मशीन पर प्रिंट करने की सुविधा दी जानी चाहिए.
(3) ट्रेन में मौजूद रहने वाले टेक्निकल स्टाफ को टिकट चेक करने की ड्यूटी में लगाया जा सकता है. जबकि एक अन्य ने सुझाव दिया कि रेलवे सुरक्षा बल (RPF) के कर्मचारियों को स्टेशनों पर टिकटों की जांच करने की अनुमति दी जानी चाहिए.
(4) रेलवे टेक्निकल स्टाफ को टिकटों की जांच और कोचों के रखरखाव की जिम्मेदारी दी जा सकती है. साथ ही रिटायरिंग रूम अटेंडेंट और वेटिंग रूम अटेंडेंट को मर्ज किया जा सकता है.
(5) सभी टिकट चेकिंग, आरक्षण और पूछताछ से जुड़े सभी पदों को वाणिज्यिक विभाग (कमर्शियल डिपार्टमेंट) विलय करने की बात कही गई है.
(6) तीन अन्य जोन के प्रस्तावों के अनुसार, ‘राजमिस्त्री, प्लंबर, बढ़ई, फिटर, वाल्वमैन और इलेक्ट्रीशियन के पदों का विलय किया जा सकता है.’
Input : News18