हिचकी (Hiccup) आना सामान्‍य बात है. इसे किसी के याद करने से जोड़ कर देखा जाता है, लेकिन जब यह बार-बार आने लगे तो इसके पीछे वैज्ञानिक कारण होता है. दरअसल, शरीर में डायफ्राम (Diaphragm) के सिकुड़ने की वजह से बार-बार हिचकी आती है. डायफ्राम छाती को पेट से अलग करने वाली एक मांसपेशी है. इसकी सांस लेने की प्रक्रिया में अहम भूमिका होती है. जब यह सिकुड़ती है तो हिचकी आने लगती है. हालांकि कभी-कभी हिचकी आने की वजह जल्‍दी-जल्‍दी भोजन निगलना या ज्‍यादा तीखा खा लेना भी होता है.

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ये आसान उपाय दिलाएंगे हिचकी से छुटकारा

हिचकी लगातार आ रही हो तो एक चम्मच चीनी मुंह में डाल लें. इससे हिचकी तुरंत रुक जाएगी. इसके अलावा पानी पीने से भी हिचकी रुकती है.

अपना ध्यान भटकाने के लिए उल्टी गिनती गिनती भी गिन सकते हैं. ध्यान किसी दूसरी ओर ले जाने से भी हिचकी रुक जाती है. कनाडा के रीडर्स डायजेस्ट में प्रकाशित एक शोध के मुताबिक ध्यान भटकाने से भी हिचकी रुकती है. इसके लिए अपनी मुट्ठी भींच लें. इससे नर्वस सिस्टम का ध्यान हिचकी से भटकता है और ऐसे में हिचकी रुक जाती है.

हिचकी न रुक रही हो तो गहरी सांस लें. फिर सांस को कुछ सेकंड के लिए रोक लें. एक रिसर्च के मुताबिक़ जब फेफड़ों में कार्बन डाइऑक्साइड भर जाती है तब इसे डायफ्राम बाहर निकालता है. ऐसे में हिचकी रुक जाती है.

हिचकी रोकने के लिए अपनी नाक बंद करें. इसके बाद पानी का एक बड़ा घूंट अपने मुंह में भरें और फिर पी लें. हिचकी आनी बंद हो जाएगी.

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ऐसे में ले डॉक्‍टर की सलाह

हिचकी आना सामान्‍य बात समझी जाती है. लेकिन इसका बार-बार और कई घंटे तक हिचकी का आना खतरनाक हो सकता है. हिचकी के साथ अगर बुखार, दर्द और जी मतलाना जैसी समस्‍या भी हो. साथ ही सांस लेने में भी कठिनाई महसूस हो रही हो तो ऐसे में डॉक्‍टर को दिखाने में देर न करें.

Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य जानकारी पर आधारित हैं.
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