आगामी 17 जुलाई से बिहार का विश्व प्रसिद्ध श्रावणी मेला शुरू हो रहा है। इसमें प्रतिबंधित नक्‍’सली संगठन ‘भाकपा मा’ओवादी’ बड़े राजनेताओं, खासकर छत्‍तीसगढ़ के राजनेताओं को अ’गवा करने की सा’जिश रच रहा है। इसके लिए बिहार-झारखंड के गुरिल्ला जोन बनाने में लगे नक्स’ली कमांडरों को छत्तीसगढ़ के शीर्ष नक्सली’ नेताओं का संदेश मिला है। खुफिया एजेंसियों ने इसे लेकर सुी’क्षा बलों को अलर्ट किया है।

बड़े राजनेताओं को अगवा करने की साजिश

खुफिया सूत्रों के अनुसार छत्तीसगढ़ के शीर्ष कमांडरों ने गिरीडीह के जंगल में प्रवास कर रहे शीर्ष नक्सलियों को श्रावणी मेला में शामिल होने वाले नेताओं को अगवा करने का संदेश भेजा है। बताया गया है कि नक्‍सली बड़े नेताओं, खासकर छत्तीसगढ़ के नेताओं को अगवा करने की योजना बना रहे हैं। इसमें नाकामयाब होने पर वे उन्हें निशाना भी बना सकते हैं।

कांवरिया पथ पर नक्‍सलियों की हलचल

श्रावणी मेला के पहले बिहार के भागलपुर स्थित सुल्‍तानगंज से लेकर झारखंड के देवघर तक के कांवरिया पथ पर कटोरिया के पहाड़ी इलाके में नक्सलियों की हलचल भी देखे जाने की बात कही जा रही है। गिरीडीह के जंगल से जमुई के चरका पत्थर जंगल में डेरा डाल चुके भाकपा माओवादी दस्ते ने इसे लेकर बांका-भागलपुर-मुंगेर सीमा से गुजरने वाले कांवरिया पथ की रेकी भी कर ली है।

आतंकी घटना को ले छिपाकर रखे आइईडी बरामद

बीते 29 जून को कांवरिया पथ पर मुंगेर के तारापुर थाना क्षेत्र में एक शक्तिशाली आइईडी बम मिला था। आइईडी बम तारापुर थाना क्षेत्र के नारायणपुर और सरौन गांव के बीच सोनरवा बासा के पास बरामद किया गया था।
अब खुफिया एजेंसियां इसके नक्सली कनेक्शन को खंगाल रहीं हैं। तफ्तीश की जा रही है कि आइईडी बम छिपा कर रखने का मकसद कहीं बड़े नेताओं को निशाना बनाने से तो नहीं जुड़ा है।

हर साल कांवरिया पथ पर चलते बड़े-बड़े राजनेता

विदित हो कि छत्तीसगढ़ के विधानसभा अध्यक्ष रह चुके प्रेम प्रकाश पांडेय, और मंत्री रामप्रसाद पैकरा हर साल श्रावणी मेला में कांवर लेकर पैदल सुल्तानगंज से देवघर तक 105 किलोमीटर की यात्रा कर बाबा वैद्यनाथ को जल अर्पित करते हैं। मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और बिहार सहित देश के कई बड़े राजनेता कांवर लेकर देवघर स्थित शिव मंदिर में जलार्पण करने के लिए कांवरिया पथ की यात्रा करते हैं।

अभी से हाई अलर्ट मोड में सुरक्षा बल

कांवरिया पथ की सुरक्षा को लेकर बिहार-झारखंड के आला अधिकारी हर साल श्रावणी मेला के पूर्व बैठकें करते हैं। सुरक्षा को लेकर कांवरिया पथ पर मोबाइल गश्ती, कैंप और पैदल गश्त की व्यवस्था की जाती है। इस साल नक्सलियों की साजिश को देखते हुए सुरक्षा बल अभी से हाई अलर्ट मोड में दिख रहीं हैं।

Input : Dainik Jagran

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