कैरीबैग के अलग से चार्ज करने वाले शोरूम व स्टोर के खिलाफ उपभोक्ता फोरम की ओर से जुर्माना लगाने का सिलसिला जारी है। डोमिनॉज, लाइफस्टाइल, वेस्टसाइड, बाटा समेत कई नामी कंपनियों के खिलाफ फोरम अभी तक फैसला सुना चुका है। कुछ अन्य मामलों में भी फोरम ने इंडस्ट्रियल एरिया फेज-1 स्थित बिग बाजार और वी मार्ट पर कैरीबैग लेने के लिए जुर्माना लगाया है।
चंडीगढ़ के सेक्टर-22ए में रहने वाले अक्षय राणा ने उपभोक्ता फोरम में इंडस्ट्रियल एरिया फेज-1 स्थित एमएस बिग बाजार के खिलाफ शिकायत दी थी। शिकायतकर्ता ने बताया कि उसने अपनी पत्नी के साथ स्टोर से कुछ ग्रासरी आइटम्स खरीदी और पेमेंट के लिए बिलिंग काउंटर पर गया। कैशियर ने उन्हें बताया कि इन सभी चीजों को कैरी करने के लिए उन्हें तीन कैरीबैग के लिए 56 रुपये देने होंगे। जब शिकायतकर्ता ने कहा कि डिस्पले में कहीं भी ये नहीं लिखा है कि कैरीबैग के लिए वह अतिरिक्त रूप से चार्ज करेंगे।
तब उन्हें जवाब मिला कि उनके पास ऑप्शन है कि इन चीजों को वह यहीं छोड़ सकते हैं और बिना कैरीबैग लिए इन्हें ले जा सकते हैं। कैरीबैग खरीदने के अलावा उनके पास और कोई ऑप्शन नहीं था, जिसके चलते उन्होंने इस संबंध में फोरम में शिकायत दी। दूसरे पक्ष ने फोरम में अपना पक्ष रखते हुए कहा कि उन्होंने सेवा में कोई कोताही नहीं बरती।
बिग बाजार के खिलाफ सुनाए यह आदेश, उपभोक्ता फोरम ने कैरीबैग के लिए 56 रुपये की राशि वापिस करने के दिए निर्देश दिए हैं। मानसिक पीड़ा और उत्पीड़न के लिए 100 रुपये मुआवजा देने के निर्देश दिए हैं। साथ ही 1100 रुपये मुकदमा खर्च के रूप में भी देने होंगे। इसके अलावा स्टेट कमीशन यूटी चंडीगढ़ के सेक्रेटरी के नाम पर कंज्यूमर लीगल एड अकाउंट में पांच हजार रुपये भी जमा करवाने के लिए कहा है।आदेश की प्रति मिलने पर एक माह के अंदर इन आदेशों का पालन करना होगा।
मनीमाजरा के वी मार्ट के खिलाफ सुनाए यह आदेश
खुड्डा लाहौरा ने सन्नी धीमान ने फोरम में मनीमाजरा के वी मार्ट रिटेल लिमिटेड के खिलाफ शिकायत दी थी। शिकायतकर्ता ने शिकायत में बताया कि उन्होंने स्टोर से कुछ चीजें खरीदी और यहां कैरीबैग के लिए उनसे 7 रुपये चार्ज किए गए। जिसके चलते ही फोरम ने राशि रिफंड करने के अलावा 100 रुपये मुआवजा और 1100 रुपये मुकदमा खर्च देने के निर्देश दिए हैं। साथ ही पांच हजार रुपये स्टेट कमीशन यूटी चंडीगढ़ के सेक्रेटरी के नाम पर कंज्यूमर लीगल एड अकाउंट में भी जमा करवाने के निर्देश दिए हैं। आदेश की प्रति मिलने पर एक माह के अंदर इन आदेश का पालन करना होगा।
Input : Amara Ujala
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