बिहार के छपरा (मढौरा) (Chhapra) में दारोगा और कान्स्टेबल की ह’त्या (SI Murder in BIhar) से पुलिस महकमा पूरी तरह से बौखलाया हुआ है. दो जांबाज जवानों की जा’न जाने के बाद जब पुलिस (Police) विभाग के मुखिया यानि डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय (DGP Gupteshwar Pandey) उनको श्रद्धांजलि देने गए तो पत्रकारों के सवाल पर भ’ड़क गए. उन्होंने यहां तक कह डाला कि अ’पराधी किसी की भी ह’त्या (Mu’rder) कर सकते हैं, चाहे वह डीजीपी ही क्यों ना हों. मीडिया (Media) के सवालों से कन्नी काटते हुए डीजीपी ने कहा कि पुराने दिन को याद कर लीजिए कि बिहार में किस तरह के न’रसंहार होते थे. इससे पहले उन्होंने श’हीद जवानों (Martyr) के परिजन की उस मांग को खारिज कर दिया जिसमें सीबीआई (CBI) जांच की बात कही गई थी.
अपराधियों ने की कायराना हरकत
पुलिसकर्मियों की शहादत को डीजीपी ने अपराधियों की कायराना हरकत बताया. गुप्तेश्वर पांडेय ने कहा कि इस मामले में हर एंगल से जांच होगी और दोषियों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा. डीजीपी से जब इस मामले की सीबीआई (CBI) जांच की सिफारिश करने को लेकर सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि बिहार पुलिस इस मामले की जांच करने में खुद सक्षम है.
सात के खिलाफ केस
बिहार के छपरा में हुए इस कांड में छपरा जिला परिषद की अध्यक्ष मीना अरुण समेत सात लोगों के खिलाफ मढौरा थाना में प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है. इन सभी पर दोनों पुलिसवालों की हत्या की साजिश में शामिल होने का आरोप है. इस हाई प्रोफाइल मामले में पुलिस की टीम लगातार छापेमारी कर रही है.
मंगलवार को हुई थी मुठभेड़
मालूम हो कि मंगलवार की देर शाम अपराधियों से मुठभेड़ के दौरान बिहार पुलिस का एक दारोगा और कांस्टेबल शहीद हो गए थे. शहीद दारोगा मिथिलेश और कांस्टेबल फारूक एसआईटी का हिस्सा थे और पुलिस को मिले इनपुट के बाद रेड के लिए गए थे. पुलिस टीम पर अपराधियों ने ताबड़तोड़ फायरिंग की थी, जिसमें दो की मौके पर ही मौत हो गई थी जबकि एक कांस्टेबल बुरी तरह से जख्मी हो गया था.
Input : News18