पटना मकर संक्रांति का महापर्व बुधवार को धूमधाम से मनाया जा रहा है। इसकी शुरुआत सुबह में स्नान-दान व पूजा के साथ हो चुकी है। राजधानी पटना सहित पूरे बिहार में श्रद्धालु गंगा सहित विभिन्न नदी घाटों पर उमड़ते दिख रहे हैं। वे स्नान कर मंदिरों में भगवान की पूजा-अर्चना करने के साथ तिल से बनी वस्तुओं का दान कर रहे हैं।
सूर्योदय से ही पर्व आरंभ, ये है मुहूर्त
बुधवार को सूर्योदय से ही संक्रांति का पर्व आरंभ हो गया है। संक्रांति पर सुबह 7:19 से 12:31 तक दान-पुण्य के लिए सही समय निर्धारित किया गया है। इस दिन तिल से निर्मित वस्तुओं के साथ खिचड़ी का दान करने का विशेष महत्व है। इस दिन गंगा स्नान करने का विशेष महत्व है।
अब आरंभ हो जाएंगे मांगलिक कार्य
संक्रांति के बाद सभी मांगलिक कार्य भी आरंभ हो जाएंगे। संक्रांति के दिन भगवान सूर्य का राशि परिवर्तन हो जाता है। सूर्य ने धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करता है। शास्त्रों में उत्तरायण की अवधि को देवताओं का दिन और दक्षिणायन को देवताओं की रात के तौर पर माना जाता है। पंडित राकेश झा ने कहा कि बुधवार को भगवान सूर्य ने 7:52 बजे मकर राशि में प्रवेश किया।
नदी घाटों पर आस्था की डुबकी
पटना सहित राज्य के विभिन्न गंगा घाटों पर श्रद्धालु डुबकी लगाकर स्नान कर रहे हैं। श्रद्धालु स्नान के बाद पूजा व दान-पुण्य कर ब्राह्मणों से आशीष लेने में जुटे हैं। राज्य के अन्य नदी घाटों पर भी श्रद्धालु उमड़ पड़े हैं। इसके पहले मंगलवार को भी कुछ लोगों ने मकर संक्रांति का पर्व मनाया।
राज्य में आज कड़ाके की ठंड के कारण लाेग कुछ विलंब से नदी घाटों पर पहुंचे। हालांकि, ठंड पर आस्था भारी पड़ी। कटिहार का मनिहारी गंगा तट हो या सिवान के सिसवन का सरयू घाट, समस्तीपुर के शाहपुर पटोरी का बुलगानीन गंगा घाट हो या पटना के गंगा घाट, हर जगह पूजा पाठ व दान करते श्रद्धाुलओं का तांता लगा हुआ है। मुजफ्फरपुर में भी लोग गंडक नदी में स्नान के बाद पूजा-अर्चना करते दिख रहे हैं।
थोड़ी देर में शुरू होगी पतंगबाजी
मकर संक्रांति के अवसर पर पतंगबाजी की भी धूम मच गई है। पूरे राज्य में जगह-जगह लोग पतंगबाजी कर मस्ती करते दिखने लगे हैं। पटना के इको पार्क व राजधानी वाटिका में भी पतंगबाजी का दौर शुरू है।
Input : Dainik Jagran