बिहार के लोगों को भरपूर बिजली देने के लिए सूबे की बिजली कंपनी छत्तीसगढ़ से ढाई हजार मेगावाट बिजली की खरीदारी करेगी। बिजली कंपनी और छत्तीसगढ़ के बीच हुए करार को बिहार विद्युत विनियामक आयोग ने मंजूरी दे दी है। कंपनी अगले तीन वर्षों तक बिजली की खरीदारी करेगी।
बिजली कंपनी ने छत्तीसगढ़ की कंपनी एसकेएस जेनरेशन लिमिटेड से बिजली खरीद का करार अरसा पहले किया था। खरीद से पहले विनियामक आयोग से इसकी मंजूरी लेनी जरूरी थी। इसी कड़ी में कंपनी ने विनियामक आयोग के समक्ष याचिका दायर की थी। आयोग ने जनवरी में कंपनी की याचिका पर सुनवाई करते हुए साफ कहा कि बिजली खरीद में यह ध्यान रखा जाना चाहिए कि इसका असर बिजली उपभोक्ताओं पर नहीं हो। बिजली की खरीद की दर 4.24 रुपये प्रति यूनिट तय की गई। कंपनी एक बार में कुल करार का कम से कम 55 फीसदी मेगावाट बिजली खरीद करेगी। चूंकि करार के तहत कंपनी को खुले बाजार की तुलना में सस्ती बिजली मिलेगी, इसलिए आयोग ने फरवरी में कंपनी की याचिका को मंजूर करते हुए फैसला सुना दिया।
अभी रोज 45 सौ मेगावाट बिजली की हो रही आपूर्ति
बिजली कंपनी के अधिकारियों के अनुसार बिहार में अभी हर रोज औसतन 45 सौ मेगावाट बिजली की आपूर्ति हो रही है। इनमें से लगभग तीन हजार मेगावाट की आपूर्ति एनटीपीसी के माध्यम से हो रही है। बाकी जरूरत के अनुसार कंपनी हर रोज 1200 से लेकर 1800 मेगावाट तक बिजली खरीदती है। करार नहीं होने के कारण कंपनी को अक्सर खुले बाजार से बिजली खरीदनी पड़ती है। खुले बाजार की बिजली दर कभी-कभार अधिक होती है जिस कारण न केवल सरकार को अधिक पैसे खर्च करने पड़ते हैं बल्कि बाद के दिनों में उसका असर आम लोगों पर भी होता है। इसे देखते हुए कंपनी ने करार कर बिजली खरीद की योजना बनाई है।
Source : Hindustan