दो दिनों से हो रही भारी वर्षा से राज्य की अधिसंख्य प्रमुख नदियां उफान पर हैं। कोसी व गंडक का डिस्चार्ज भी काफी तेज है। वहीं सात नदियां सभी जगहों पर लाल निशान से ऊपर बह रही हैं। गंगा अभी अपनी सीमा में हैं। पटना में तो वह लाल निशान से काफी नीचे है लेकिन कहलगांव पहुंचकर वह भी लाल निशान छूने को बेताब है। वहां गंगा लाल निशान से मात्र 20 सेमी नीचे रह गई है। इस बीच राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) के महानिदेशक सत्य नारायण प्रधान ने बताया कि बिहार में बाढ़ की स्थिति को देखते हुए एनडीआरएफ की कुल 19 टीमें तैनात हो रही हैं।

 

कोसी नदी का डिस्चार्ज मंगलवार को बराह क्षेत्र में दो लाख 26 हजार घनसेक तो बराज पर तीन लाख बीस हजार घनसेक रिकार्ड किया गया। वाल्मीकि नगर बराज के पास गंडक का डिस्चार्ज भी चार लाख से अधिक हो गया है। वहां इस नदी का डिस्चार्ज 4.20 लाख घनसेक है। हालांकि दोनों नदियों के डिस्चार्ज में गिरावट का संकेत मिल रहा है। बागमती राज्य में सभी जगहों पर लाल निशान को पार कर गई है। सीतामढ़ी के कटौंझा में यह नदी दो मीटर 39 सेमी लाल निशान से ऊपर बह रही है। मुजफ्फरपुर के बेनीबाद में 1.10 मीटर और दरभंगा के हायाघाट में लगभग आधा मीटर लाल निशान से ऊपर बह रही है। लिहाजा तटबंधों पर पानी का दबाव बना हुआ है।

बृढ़ी गंडक रोसरा रेल पुल के पास 53 तो समस्तीपुर रेल पुल के पास सात सेमी लाल निशान से ऊपर है। कमला बलान भी झंझारपुर में बांध पर दबाव बनाए हुए है। वहां यह नदी लाल निशान से लगभग सवा दो मीटर ऊपर है तो जयनगर में 85 सेमी ऊपर है। लालबकेया पूर्वी चम्पारण में 1.36 मीटर और अधवारा सीतामढ़ी में मीटर ऊपर बह रही है। खीरोई नदी ने भी दरभंगा में आंखें लाल कर ली है। वहां यह नदी 1.21 मीटर लाल निशान से ऊपर है। महानंदा किशनगंज में 94 सेमी और पूर्णिया में 74 सेमी ऊपर है।

Input : Live Hindustan

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