अभी-अभी बड़ी खबर आ रही है। बिहार सरकार ने बड़ा निर्णय लिया है। आपदा प्रबंधन विभाग ने इसका एलान किया है। बाहर से आए सभी मजदूरों को राहत राशि मिलेगी। खुद से वापस लौटे मजदूरों को भी सरकार एक हजार की राशि देगी।
बिहार सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए बिहार लौटने वाले तमाम मजदूरों को एक हजार की राहत राशि देने का फैसला किया गया है। ट्रेनों के अलावे बसों या फिर पैदल या किसी अन्य संसाधनों से पहुंचने वाले मजदूरों के खाते में भी सरकार एक हजार रुपये डालेगी।
इससे पहले बिहार सरकार ने केवल ट्रेनों से बिहार पहुंचने वाले मजदूरों को ही राहत राशि के तौर पर उन्हें क्वरेंटाइन सेंटर में रखने के बाद एक हजार रुपये देने का फैसला किया था। लेकिन ट्रेनों के अलावे हजारों की संख्या में मजदूर अन्य संसाधनों से लगातार बिहार पहुंच रहे हैं। रोजाना सैकड़ों की संख्या में मजदूर तो पैदल ही बिहार पहुंच रहे हैं। इसके बाद सरकार ने ये बड़ा फैसला लिया है।
हालांकि कोरोना महामारी के बीच नीतीश सरकार लगातार आपदा प्रभावितों तक मदद पहुंचाने है के दावे कर रही है लेकिन आपदा की इस घड़ी में दावों की हकीकत क्या है इस बात का खुलासा खुद सरकार ने कर दिया है। राज्य सरकार ने कोरोनावायरस के बीच गरीबों के बैंक के अकाउंट में ₹1000 की आर्थिक मदद से भेज रहे हैं का ऐलान किया था लेकिन राज्य के तकरीबन 22 लाख राशन कार्डधारियों के खाते में अब तक चवन्नी भी नहीं पहुंच पाया है।
राज्य सरकार ने खुद हकीकत को स्वीकार किया है। दरअसल सूबे के के 22 लाख राशन कार्डधारियों का आधार लिंक नहीं होने के कारण उन तक में सरकारी मदद नहीं पहुंच पाई है। राज्य सरकार की तरफ से तकरीबन 1.53 करोड़ राशन कार्डधारियों को एक-एक हजार की आर्थिक मदद देने की पहल की गई है लेकिन उन राशन कार्डधारियों को परेशानी हो रही है जिनकी अब तक आधार कार्ड की सीडिंग नहीं हो पाई है।
जिन 22 लाख लाभुकों तक अब तक के आर्थिक मदद नहीं पहुंची है इसके लिए सरकार तकनीकी परेशानी को जिम्मेदार बता रही है। खाद्य उपभोक्ता संरक्षण मामलों के मंत्री मदन सहनी ने कहा है कि लाभुकों तक मदद पहुंचने में पहले ही काफी विलंब हो चुका है और अब सरकार ने फैसला किया है कि लाभुकों का बैंक डिटेल लेकर डायरेक्ट उनके खाते में आर्थिक मदद दे दी जाए।
Input : First Bihar