उत्तर प्रदेश में भदोही जिले के अमिलहरा में प्रशासन ने विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) को रविवार को पूर्व सांसद फूलन देवी की पुण्यतिथि पर उनकी प्रतिमा स्थापित नहीं करने दी।
प्रशासन ने प्रतिमा को अपने कब्जे में ले लिया और इसका अनावरण करने आ रहे वीआईपी अध्यक्ष और बिहार सरकार के मंत्री मुकेश साहनी को वाराणसी हवाई अड्डे से ही वापस लौटा दिया। वीआईपी चीफ पत्रकारों से वह बोले, “हमारा कार्यक्रम तय था, पर यूपी में योगी सरकार ने कार्यक्रम रद्द कर दिया। फिर भी निषाद भाइयों ने शांतिपूर्ण ढंग से प्रोग्राम किए। मुझे भी बनारस जाना था, लेकिन एयरपोर्ट से बाहर निकलने नहीं दिया गया। कलकत्ता होते हुए मैं पटना पहुंचा। कहीं न कहीं यूपी सरकार पीएम के अनुकूल नहीं चल रही है। पीएम मोदी का कहना है कि ‘सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास’, पर यूपी में पिछड़ी जाति के लोगों को सुना नहीं जा रहा। उनके हक और अधिकारों को रौंदा जा रहा है। फूलन देवी की प्रतिमा पर फूल नहीं चढ़ाने दिया गया। यह खेदजनक है।”
बकौल सहनी, “पीएम मोदी और सीएम योगी को इस मसले पर सोचना चाहिए। रही उनकी राजनीति, तो वह उन्हें ही मुबारक हो। हमने तो निर्णय ले लिया है कि 165 सीट पर यूपी में विस चुनाव लड़ेंगे। आने वाले समय में घर घर तक फूलन देवी और उनके विचारों को पहुंचाना हमारा मकसद है। हम पिछड़े समाज से हैं और संघर्ष करते हुए आगे बढ़ेंगे। आने वाले समय में यूपी में सरकार बनाएंगे और मूर्तियां स्थापित करेंगे।”
उधर, भदोही के पुलिस अधीक्षक राम बदन सिंह ने रविवार को बताया कि विकासशील इंसान पार्टी के तत्वावधान में अमिलहरा गांव में फूलन देवी की प्रतिमा स्थापित की जानी थी लेकिन प्रशासन ने उसे अपने कब्जे में ले लिया। भदोही के उप जिला अधिकारी आशीष कुमार ने बताया कि प्रतिमा स्थापित करने के लिए न तो कोई अनुमति दी गई थी और न ही कोई आवेदन किया गया था। कुमार के अनुसार अमिलहरा गांव में जिस जगह प्रतिमा स्थापित की जा रही थी वह ग्राम समाज की भूमि है।
दूसरी तरफ वीआईपी के जिला अध्यक्ष रमाकांत केवट ने कहा कि 25 जुलाई को फूलन देवी की पुण्यतिथि पर पार्टी एक प्रतिमा स्थापित करना चाहती थी जिसका नवारण पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुकेश साहनी को करना था लेकिन जिले की पुलिस ने प्रतिमा अपने कब्ज़े में ले ली है।
पार्टी के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य गिरजा शंकर केवट ने आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार जातिवादी मानसिकता में लिप्त हो गई है। दोनों पदाधिकारियों ने चेतावनी दी है कि इस मामले को लेकर पार्टी चुप नहीं बैठेगी और सड़क से लेकर संसद तक आंदोलन किया जायेगा।
पूर्व दस्यु सुंदरी फूलन देवी भदोही से समाजवादी पार्टी (सपा) की सांसद चुनी गई थीं और 25 जुलाई 2001 को दिल्ली में उनकी गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। बिहार सरकार के मंत्री मुकेश साहनी ने यहां सुरयावा इलाके में फूलन देवी की एक बड़ी प्रतिमा लगाने की घोषणा की थी।
भदोही के पुलिस अधीक्षक सिंह ने बताया कि रविवार को यहां आ रहे साहनी को वाराणसी हवाई अड्डे से ही बाहर नहीं निकलने दिया गया और उन्हें वापस बिहार भेज दिया गया है। सिंह ने बताया कि फूलन देवी की आदमकद प्रतिमा को भी अगले दो-तीन दिन में बिहार भेज दिया जाएगा क्योंकि यह प्रतिमा बिहार से ही बनकर आई थी।
उधर, बलिया से मिली खबर के अनुसार मुकेश साहनी द्वारा भेजी गई फूलन देवी की प्रतिमा को बलिया जिला प्रशासन ने शनिवार को अपने कब्जे में ले लिया। बांसडीह के पुलिस उपाधीक्षक भूषण वर्मा ने बताया कि साहनी द्वारा जिले के बांसडीह कोतवाली क्षेत्र के हालपुर गांव में फूलन देवी की प्रतिमा को स्थापित करने के लिए भेजा गया था।
उन्होंने बताया कि प्रशासन ने प्रतिमा को लोगों से बातचीत कर और उन्हें समझाकर अपने कब्जे में ले लिया है। हालांकि विकासशील इंसान पार्टी, बलिया के जिलाध्यक्ष हरे राम साहनी ने प्रशासन की कार्रवाई पर आक्रोश व्यक्त किया। उन्होंने पत्रकारों से कहा, ‘‘फूलन देवी की पुण्यतिथि के मौके पर प्रतिमा स्थापित होनी थी और हम लोग अपनी निजी भूमि पर इसे स्थापित करना चाहते थे, लेकिन प्रशासन ने इसकी अनुमति नहीं दी।’’
Source : Jansatta