भारत ने सर्फेस टू सर्फेस बैलेस्टिक मिसाइल अग्नि 5 का सफल परीक्षण किया. ये परीक्षण बुधवार शाम 7 बजकर 50 मिनट पर एपीजे अब्दुल कलाम आइलैंड से किया गया. इस मिसाइल की ख़ासियत है कि ये देश की पहली इंटरकॉन्टिनेंटल बैलेस्टिक मिसाइल है और इसकी मारक क्षमता 5000 किलोमीटर है. इस मिसाइल के अब तक अलग-अलग 7 से ज़्यादा ट्रायल हो चुके हैं. डीआरडीओ के पूर्व वैज्ञानिक का मानना है कि अग्नि 5 मिसाइल तकनीक के क्षेत्र में एक क्वांटम जंप है.
Another boost to India's defence proficiency
India successfully test-fires surface-to-surface ballistic missile Agni-5.#agni5 pic.twitter.com/YUc371chEn
— Jagdish Patel (@IJAGDISHPATEL) October 27, 2021
भारतीय मिसाइल की जद में चीन के कई शहर साल 2012 में ही आ गए थे जब भारत ने 5000 किलोमीटर मार करने वाली अग्नि मिसाइल 5 की सफल परीक्षण किया था और तब से लेकर अलग अलग तरीक़े के टेस्ट को अंजाम देकर अग्नि मिसाइल की सटीकता और मारक क्षमता को और बेहतर किया जा रहा है. उसी सिलसिले बुधवार को इंटर-कॉन्टिनेंटल बैलेस्टिक मिसाइल, अग्नि-5 का सफल परिक्षण किया गया है.
100 फीसदी स्वदेशी है अग्नि 5
अग्नि 5 इस मिसाइल की पूरी तकनीक, प्रोपल्शन सिस्टम, रॉकेट, एडवांसड नेविगेशन 100 फीसदी स्वदेशी है. अग्नि 5 एक ऐसा प्लेटफ़ॉर्म है जिसकी रेंज 5000 किलोमीटर है जो की प्रमाणु हथियारों को ले जाने में पूरी तरह से सक्षम है. इससे भारत की डेटेरेंस पावर को ज़बरदस्त बढ़ाया गया है. कहा जाता है कि भारत के नक्शे पर किसी भी जगह से 5000 किलोमीटर का निशान बना दें और इसे फ़ायर कर दें तो ये सटीक मार कर सकती है.
भारत की तरफ़ से यह चीन के लिए सबसे बड़ा सिर दर्द साबित हो सकती है, यही वजह हवा चीन ने इस परीक्षण पर अपनी नाराज़गी भी ज़ाहिर की है. आने वाले दिनों में अगर इसकी मारकर क्षमता के बढ़ाना हो तो वो भी बढ़ाया जा सकता है. ये एक बैलेस्टिक मिसाइल है और इसे ऐसी तकनीक के साथ लैस किया गया है कि एक बार टार्गेट प्रोग्राम करने के बाद उसे नष्ट करके ही छोड़ेगी. तकनीक के चलते इसे एसा प्रोग्राम किया गया है कि एक बार लॉन्च होने के बाद कोई भी देश तकनीकी तौर पर इंटरनेट के जरिए नेविगेशन या सिस्टम के साथ छेड़खानी नहीं कर सकता.
दुनिया के ताकतवर देशों को मिलेगी कड़ी टक्कर
यह मिसाइल दुनिया के सभी ताकतवर देशों की मिसाइल तकनीक को ज़बरदस्त टक्कर देगी. इसकी एक और ख़ास बात है इसकी सटीक मारक क्षमता. बीस साल पहले तक दुनिया के दोनों बडे़ ताकतवर देश किसी भी हमले के लिए मेगा टन यील्ड की बात करते थे. भारत की इस मिसाइल की 100 फीसदी सटीक मारक क्षमता है जिससे पिन प्वांइट एक्युरेसी के तहत कम न्यूक्लियर वॉरहेड के साथ दागा जा सकता है.
अगर इसकी रफ़्तार की बात करें तो ये आवाज़ की गति से 24 गुना तेज रफ़्तार अपने टार्गेट की ओर बढ़ा सकती है. अग्नि-5 मिसाइल का वजन करीब 50 टन है और इसकी लंबाई करीब 17 मीटर है जबकि मोटाई करीब 2 मीटर है. ये करीब 1500 किलो के वॉर-हेड को ले जाने में सक्षम है. जमीन से जमीन पर मार करने वाली इस मिसाइल का सबसे पहला टेस्ट 2012 में हुआ था. भारत पहले ही अग्नि-1,2,3 मिसाइल को ऑपरेशनली तैनात कर चुका है. माना जाता है कि ये तीनों मिसाइल पाकिस्तान के तरफ से उठ रहे खतरों को ध्यान में रखकर तैयार की गई हैं. जबकि अग्नि-5 को खासतौर से चीन की तरफ से मिल रही चुनौतियों के लिए तैयार किया गया है. अग्नि-5 की पहुंच चीन के हर इलाके तक है.
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