ब्रिटेन की ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में भारतीय प्रोफेसर सुमी विश्वास ने कोरोना वायरस की एक नई वैक्सीन तैयार कर ली है. bloomberg.com की रिपोर्ट के मुताबिक, दुनिया की सबसे बड़ी वैक्सीन उत्पादक कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के साथ साझेदारी के तहत इस वैक्सीन का ह्यूमन ट्रायल ऑस्ट्रेलिया में शुरू हो गया है.
प्रोफेसर सुमी विश्वास ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के जेनर इंस्टीट्यूट में प्रोफेसर एड्रियन हिल और सारा गिलबर्ट के साथ काम कर चुकी हैं. बता दें कि प्रोफेसर एड्रियन हिल और सारा गिलबर्ट की ओर से तैयार की गई कोरोना वैक्सीन फिलहाल ट्रायल के आखिरी चरण में है. वहीं, सुमी ने 2017 में स्पाईबायोटेक (SpyBiotech) कंपनी बनाई थी. स्पाईबायोटेक कंपनी ने ही कोरोना की नई वैक्सीन तैयार की है.
स्पाईबायोटेक कंपनी की एक्सपेरिमेंटल कोरोना वैक्सीन के ह्यूमन ट्रायल (फेज एक और दो) ऑस्ट्रेलिया में शुरू किए गए हैं. ऑक्सफोर्ड की प्रोफेसर और कंपनी की सीईओ सुमी विश्वास ने कहा कि दोनों फेज के ट्रायल के दौरान कई सौ लोगों को वैक्सीन की खुराक दी जाएंगी.
नई वैक्सीन में हेपेटाइटिस बी एंटीजेन के वायरस जैसे कण को कैरियर के तौर पर इस्तेमाल किया गया है जिससे कोरोना वायरस स्पाइक प्रोटीन जुड़े हैं. इसके जरिए ही शरीर में इम्यूनिटी डेवलप होगी. सुमी विश्वास ने ऑक्सफोर्ड से ही पीएचडी की डिग्री ली है और जेनर इंस्टीट्यूट के साथ मलेरिया की वैक्सीन तैयार करने के लिए कई साल तक काम कर चुकी हैं. बंगलौर यूनिवर्सिटी से माइक्रोबायोलॉजी की पढ़ाई करने के बाद 2005 में सुमी ब्रिटेन चली गई थीं.
SpyBiotech ने सीरम इंस्टीट्यूट के साथ वैक्सीन के लाइसेंस का समझौता किया है. इससे पहले सीरम इंस्टीट्यूट ऑक्सफोर्ड की पहली कोरोना वैक्सीन के उत्पादन के लिए एस्ट्राजेनका कंपनी के साथ भी समझौता कर चुकी है. इसके तहत सीरम इंस्टीट्यूट एक अरब वैक्सीन की खुराक तैयार करेगी. स्पाईबायोटेक कंपनी ने अब तक करीब 19.8 मिलियन डॉलर की राशि फंडिंग के जरिए जुटा ली है. ऑक्सफोर्ड साइंसेंज इनोवेशन और जीवी की ओर से ये फंडिंग की गई है.
Source : Aaj Tak
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