श्रावण मास की शुरुआत रविवार से हो रही है। इसके साथ ही पहला सावन सोमवार 26 जुलाई को है। श्रावण मास भगवान भोलेनाथ की आराधना का माह माना जाता है। इसके लिए शिवालयों में पूजन-अर्चन और अभिषेक का सिलसिला भी जारी रहता है। वहीं श्रावण सोमवार को शिव पालकी यात्रा भी निकाली जाती है। इसके साथ ही मंदिरों और शिवालयों में भी आकर्षक साज-सज्जा आदि तैयारियां हो चुकी हैं। पं. गिरजेश दुबे बताते हैं कि पंचांग के अनुसार श्रावण मास 25 जुलाई से शुरू हो रहा है।
शास्त्रों में सावन के महीना को विशेष माना गया है। आषाढ़ के महीने का समापन पूर्णिमा को हो गया, जिसे गुरू पूर्णिमा के रूप में मनाया गया। पं. दुबे ने बताया कि श्रावण मास में सोमवार का भी विशेष महत्व बताया गया है। इस दिन भगवान शिव की विशेष पूजा की जाती है। श्रद्धालु इस दिन व्रत रखकर भगवान शिव की उपासना करते हैं। मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव को उनकी प्रिय चीजों का भोग लगाना चाहिए और अभिषेक करना चाहिए। ऐसा करने से सभी प्रकार की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। इधर, श्रावण मास और सोमवार को लेकर शिवालयों में विशेष आराधना होगी। शहर के मंदिरों के अलावा गादेर गुफा, मुहालपुर गुफा और केदारनाथ धाम में श्रावण सोमवार को बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचकर भगवान भोलेनाथ के दर्शन और पूजन-अर्चन करने पहुंचते हैं।
50 श्रद्धालु कर सकेंगे पूजन-अर्चन
हालांकि, कोरोना काल के चलते मंदिर और शिवालयों में कुछ पाबंदियां भी होंगी। क्योंकि, तीसरी लहर की संभावना के चलते जिला आपदा प्रबंधन समूह की बैठक में प्रशासन ने गाइडलाइन तैयार की है। एसडीएम अंकिता जैन ने बताया कि पूजन स्थलों पर 50 श्रद्धालुओं की अनुमति होगी, जिन्हें मास्क पहनना अनिवार्य होगा, तो सुरक्षित शारीरिक दूरी का पालन भी करना होगा।
कुछ सावधानियां भी जरूरी
ज्योतिषियों के मुताबिक सावन के महीने में कुछ विशेष बातें भी बताई गई हैं, जिनका पालन करना जरूरी है। खासकर खानपान को लेकर सावधानी बरतनी चाहिए। ऐसा कहा गया है कि श्रावण मास में बैंगन, दूध आदि का सेवन नहीं करना चाहिए। इसके साथ ही भगवान भोलेनाथ की पूजा के दौरान हल्दी का प्रयोग नहीं करना चाहिए।
सावन मास में चार श्रावण सोमवार
- 26 जुलाई पहला सोमवार
- 02 अगस्त दूसरा सोमवार
- 09 अगस्त तीसरा सोमवार
- 16 अगस्त चौथा सोमवार