रूस की ओर से पहले कोरोना वैक्सीन को पंजीकृत किए जाने की घोषणा के बाद विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कहा है कि संस्था की ओर से किसी वैक्सीन को तभी मंजूरी दी जाएगी जब उसके सुरक्षित होने की जांच सख्ती से कर ली जाएगी। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा है कि रूस कोरोना वायरस के खिलाफ वैक्सीन को मंजूरी देने वाला पहला देश बन गया है। यह वैक्सीन नए कोरोना वायरस के खिलाफ मजबूत इम्युनिटी पैदा करने में सक्षम है।

जेनेवा में ऑनलाइन प्रेस ब्रीफिंग के दौरान WHO के प्रवक्ता तारिक जासारेविक ने कहा, ”हम रूस के हेल्थ अथॉरिटीज के साथ संपर्क में हैं और वैक्सीन के संभावित प्री-क्वालिफिकेशन को लेकर चर्चा चल रही है। किसी वैक्सीन के प्री-क्वालिफिकेशन के लिए सख्त समीक्षा और सभी सुरक्षा व प्रभावी मानकों की जांच शामिल है।”

रूस के स्पूतनिक वी वैक्सीन को गमालेया रिसर्च इंस्टिट्यूट और रक्षा मंत्रालय ने मिलकर विकसित किया है। दुनिया में इस समय कुल 165 कैंडिडेट वैक्सीन पर काम चल रहा है। इनमें से 139 अभी भी प्री-क्लीनिकल इवैल्यूएशन में हैं, जबकि 26 अन्य मानव परीक्षण के अलग-अलग फेज में हैं। छह वैक्सीन फेज तीन में हैं।

गमालेया कैंडिडेट उन 26 वैक्सीन में शामिल है जिन्हें मानव पर परीक्षण किया जा रहा है और फेज 1 में सूचीबद्ध है। वैक्सीन प्रॉजेक्ट के लिए फंड देने वाले रसियन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट फंड के मुखिया किरिल दिमित्रिएव ने कहा कि फेज 3 का ट्रायल बुधवार को शुरू होगा। वैक्सीन का औद्योगिक उत्पादन सितंबर में शुरू होने की उम्मीद है। 20 देशों ने एक अरब से अधिक डोज के लिए ऑर्डर दे दिया है।

जासारेविक ने कहा, ”हर देश में एक राष्ट्रीय नियामक एजेंसी है जो अपनी सीमा में वैक्सीन या दवा के इस्तामल को मंजूरी देता है। WHO में वैक्सीन और दवा के लिए प्री-क्वॉलिफिकेशन प्रोसेस है। उत्पादक WHO से प्री-क्वालिफिकेशन की मांग करते हैं, क्योंकि यह एक तरीके से गुणवत्ता का मुहर है।”

Input : Hindustan

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