मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मकर संक्रांति और लोहड़ी पर्व पर बिहार और देश के सभी लोगों को बधाई और दशुभकामनाएं दी हैं. मुख्यमंत्री ने अपने संदेश में कहा है कि मकर संक्रांति और लोहड़ी का पर्व लोगों के लिए सुख, शांति और समृद्धि लाएगा. मकर संक्रांति और लोहड़ी के पर्वों का सांस्कृतिक महत्व भी है.

मकर संक्रांति के पावन स्नान के बाद लोग चूड़ा, दही, तिलकुट खाते और खिलाते हैं. इससे परस्पर प्रेम और सद्भाव बढ़ता है. नयी फसलों के घर आने की खुशी में लोहड़ी पर्व मनाया जाता है. मुख्यमंत्री ने कहा कि लोग इन पर्वों को हर्षोल्लास, पारस्परिक स्नेह एवं सौहार्द्र के साथ मनाएं. इससे समाज में सामाजिक समरसता बढ़ेगी और सभी के सहयोग से एक खुशहाल, विकसित और गौरवपूर्ण बिहार का निर्माण होगा.

इस बार वशिष्ठ नारायण सिंह नहीं करेंगे भोज

उधर जेडीयू के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह पिछले दो दशक से भी अधिक समय से चूड़ा-दही का भोज मकर संक्रांति के मौके पर करते रहे हैं. लेकिन इस बार कोरोना के कारण भोज का आयोजन नहीं होगा. उन्होंने अपने चाहने वालों के लिए इसको लेकर पत्र जारी किया है. उन्होंने भोज स्थगित करने के पीछे कोरोना वायरस को मुख्य वजह बताया.

बता दें कि वशिष्ठ नारायण सिंह 1999 से ही चूड़ा-दही के भोज का आयोजन कर रहे हैं. जिसमें विभिन्न दलों के लोग भी शामिल होते रहे हैं. लेकिन इसबार उन्होंने कोरोना का हवाला देते हुए भोज स्थगित करने की बात कही है. कुछ ऐसा ही नजारा लालू एंड फैमिली का भी है. इस परिवार का दही-चूड़ा भोज काफी मशहूर है. लेकिन जब से लालू यादव जेल गए हैं तभी से इस परिवार ने भोज से दूरी बना ली. हालांकि इस बार लालू यादव ने ट्वीट कर अपने पार्टी नेता व विधायकों से गरीबों को दही चूड़ा का भोज कराने का निर्देश दिया है.

Input: Live Cities

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