छठ श्रद्धा का महापर्व है। इसमें आस्था धर्म-संप्रदाय की बेडिय़ां भी तोड़ रही है। समस्तीपुर की ररियाही पंचायत निवासी सईदा खातून इसकी मिसाल हैं। वे पूरी श्रद्धा से 20 सालों से छठ व्रत करती आ रही हैं। उन्हें जितनी अास्था मक्का-मदीना पर है, उतनी ही श्रद्धा छठी मइया पर भी है।
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20 साल पहले शुरू किया छठ व्रत
सईदा बताती हैं कि पति कैलू मियां असाध्य बीमारी से पीडि़त थे। कई जगह इलाज कराया, लेकिन ठीक नहीं हुए। मन में बड़ी निराशा हो रही थी। इसी दौरान किसी ने छठ मइया की मन्नत मानने की सलाह दी। सईदा ने मन्नत मांगी। संयोगवश पति स्वस्थ हो गए। इसके बाद से सईदा ने 20 साल पहले छठ अनुष्ठान शुरू किया। हिंदु श्रद्धालुओं से छठ के विधान की जानकारी ली और श्रद्धापूर्वक व्रत करने लगीं।
करतीं सारे विधि-विधान का निर्वाह
आम व्रती की तरह सईदा पूरे श्रद्धा भाव से छठ के सारे विधि-विधान का निर्वाह करती हैं। नहाय-खाय के साथ अरवा भोजन करती हैं। पवित्रता के साथ नैवेद्य बनाती हैं। उदीयमान सूर्यदेव को अर्घ्य देने के बाद पारण करती हैं। आसपास के हिंदु श्रद्धालु भी उन्हें पूरी तरह सहयोग करते हैं। परिवार के लोग भी इसमें जुटे रहते हैं।
गुनगुनातीं पारंपरिक गीत भी
सईदा छठ घाट पर पूजा के दौरान पारंपरिक गीत आदि भी गाती हैं। इस दौरान सामाजिक समरसता देखते ही बनती है।
पहले परेशानी हुई, लेकिन अब सब ठीक
हालांकि, शुरुआती दौर में सईदा को कुछ परेशानी हुई, लेकिन समय के साथ यह सब खत्म हो गया। कहतीं है, समाजिक विरोध झेलना पड़ा, लेकिन अब सब ठीक है।
Input : Dainik Jagran