लोक आस्था का महापर्व छठ इस बार मद्रासी, बंगाली और आंध्रा के केले से मनेगा। हाजीपुर के केले की आवक काफी कम है। रविवार को बाजार समिति स्थित फल मंडी में चार ट्रक केले की खेप पहुंची। इसमें और तेजी आने की उम्मीद है। फल कारोबारी मनोज की मानें तो बाढ़, बारिश के कारण इस साल केले की फसल को काफी नुकसान हुआ।

हाजीपुर के स्थान पर मद्रास का केला आना शुरू हो गया है। एक-दो दिनों के अंदर भाव का सही अंदाजा लगेगा। जब 150-200 ट्रक खेप आएगी। पिछले साल से 100 से 125 रुपए की तेजी है। खुदरा बाजार में केले का घौंद 450 से 650 मिल रहा है। छठ में विभिन्न प्रकार के मौसमी फल, कंद मूल, गन्ना आदि चढ़ाए जाते हैं, लेकिन ठेकुआ, केला, नारियल व गन्ने विशेष प्रधानता है। नारियल के भाव भी चढ़े हैं। 60 से 65 रुपए जोड़ा बिकने वाले नारियल 70 से 80 रुपए जोड़ा बिक रहे हैं। फल व्यवसायी के अनुसार, नारियल पानी 30-35 रुपए है।

इसके कारण अभी डिमांड बढ़ने से सूखे नारियल के भाव भी बढ़े हैं। असम के नारियल की कीमत साउथ के नारियल से ज्यादा है। साउथ का नारियल थोक बाजार में 2200-2400, जबकि असम के नारियल 2700 से 3200 रुपए सैकड़ा है। पर्व में डिमांड को देखते हुए सेव भी प्रति पेटी 100 रुपए तक चढ़ गया है।

Input: Dainik Jagran

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