मुजफ्फरपुर. बिहार के मुजफ्फरपुर में एक बड़े एटीएम फ्रॉड गिरोह का भांडाफोड़ हुआ है. यह गिरोह मुजफ्फरपुर के आलावा राज्य के कई जिलों में जाकर सीधे सादे लोगों के एटीएम से लाखों की राशि मिनटों में गायब कर देता है. इस गिरोह का जाल झारखंड तक फैला है. यह गिरोह कंपनी बनाकर काम करता था, जिसमें काम करने वाले अपराधियों को 60 हजार रुपया मासिक वेतन दिया जाता है. गिरोह का सर्गना मीनापुर का पंकज सहनी है, जिसके नाम पर पीएमसी यानी पंकज मैनेजमेंट कंपनी चलाया जा रहा है.
यह गिरोह एटीएम मशीन में क्लोनिंग किट लगाकर पैसा निकालने वालों के कार्ड की क्लोनिंग कर लेता है. पुलिस ने जाल बिछाकर गिरोह के 6 शातिरों को गिरफ्तार किया है. उनके पास से 35 लाख रुपये के आलावे एक कार्बाइन, एक रायफल, तीन पिस्टल, 13 गोली, डेढ़ किलो चरस समेत कार्ड क्लोनिंग मशीन और बड़ी संख्या में एटीएम कार्ड, एक लग्जरी कार, जेवर ओर चोरी के मोबाइल फोन बरामद किए गए हैं.
RJD नेता का बेटा है सरगना
गिरोह का सरगना पंकज सहनी एक राजद नेता का बेटा है और उसका भाई पप्पू सहनी भी गिरोह में शामिल है. पुलिस ने पहले पप्पू को दबोचा जिसकी निशानदेही पर विभिन्न थाना इलाकों से अन्य अपराधियों को गिरफ्तार किया गया. सरगना पंकज सहनी अभी फरार है. एसएसपी जयंतकांत ने बताया कि इन सभी अपराधियों नें फ्रॉड करके बड़ी संपत्ति बनाई है. इनकी संपत्ति को जब्त किया जाएगा और स्पीडी ट्रायल चलवाकर सजा दिलाई जाएगी.
पंकज की यह फ्रॉड कंपनी कई सालों से चल रही है जिसमें एटीएम फ्रॉ़ड के साथ साथ हथियार और ड्रग्स की तस्करी की जाती है. पुलिस को पंकज की तलाश वर्ष 2013 से है, लेकिन इस बार भी वह नहीं पकड़ा जा सका है. इस गिरोह में एक सौ से ज्यादा शातिर सदस्य हैं. सिटी एसपी नीरज कुमार ने बताया कि यह गिरोह बुजुर्गों, महिलाओं और लड़कियों को अपना निशाना बनाता है. ये लोग गांवों से आकर शहर के विभिन्न इलाकों में किराये के मकान में रहते हैं और जिन एटीएम पर गार्ड नहीं रहते वहां क्लोनिंग मशीन लगाकर लोगों के कार्ड की क्लोनिंग कर लेते हैं.
एटीएम फ्रॉडगिरी के साथ-साथ यह गिरोह नये लड़कों को ऑन स्पॉट ट्रेनिंग भी देता है. पूछताछ में इस गिरोह ने गोपालगंज, समस्तीपुर, सीतामढी, सारण, वैशाली, मोतीहारी समेत झारखंड में फ्रॉडगिरी करने की संलिप्तता स्वीकार की है. सिटी एसपी ने बताया कि गिरोह में 250 सदस्यों के होने की संभावना है.
Input : News18