65वीं BPSC में भी 64वीं की तरह ही परिणामों में लड़कियों ने ही ज्यादा संख्या में बाजी मारते हुए अपना तथा अपनों का नाम रौशन किया है। आज कहानी पताही जगन्नाथ निवासी शिक्षक दंपत्ती श्री भवदेव नारायण ठाकुर और स्व॰ सुनिता कुमारी की पुत्री जिम्मी सौरभ की जिन्होंने अपनी मेहनत के बल पर 65वीं BPSC परीक्षा के फाइनल रिजल्ट में 500वाँ स्थान लाते हुए प्रखंड अनुसूचित जाति/ अनुसूचित जनजाति कल्याण पदाधिकारी का पद पा कर अपने गांव और जिले की बेटियों की प्रेरणास्रोत बनी हैं।
चार भाई-बहनों के साथ पताही में ही संघर्षपूर्ण जीवन जीते हुए मुजफ्फरपुर से ही प्रारंभिक और उच्च शिक्षा ग्रहण करने वाली जिम्मी बचपन से ही मेधावी रहीं। जिम्मी प्रारंभिक शिक्षा से लेकर परास्नातक तक सदा प्रथम श्रेणी से ही उत्तीर्ण होती आई। वर्तमान में वे 2018 के बिहार सचिवालय सेवा में चयनित हो सेवा दे रहीं थी।
जिम्मी की आदर्श उनकी स्वर्गीय मां हैं जिनके कठिन परिश्रम, नेक परवरिश और नैतिक मूल्यों ने उन्हे जीवन में आगे बढ़ने का साहस प्रदान किया। महिलाओं को समान शिक्षा और अवसर देने की पक्षधर उनकी माँ ने सेना में सेवा दे रहे दो भाई अनमोल सौरभ और आनंद सौरभ के साथ ही उन्हे और उनकी बहन कुमारी ज्योत्स्ना को पढाई के समान अवसर दिया जिसकी बदौलत आज वो सफल हुई हैं। जिम्मी बताती हैं की आगे सेवा-अवधि में तत्परता और समर्पण से समाज की सेवा करना एवं सरकार की योजनाओं को लक्षित समूह तक पहुंचाना ही उनका लक्ष्य होगा। जिम्मी और उनकी तरह प्रयत्नशील हर युवा को मुजफ्फरपुर नाउ की ओर से शुभकामनाएं।
Source : Thakur Divya Prakash
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