बिहार के मुजफ्फरपुर निवासी व बाद में झारखंड में बसने वाले युवा क्रिकेटर शाहबाज नदीम के भारतीय टेस्ट टीम में चुने जाने पर उनके परिवार में खुशी का माहौल है। आस-पास के लोग उनके घर पहुंच बधाई दे रहे हैं। स्पेशल ब्रांच के डीएसपी पद से सेवानिवृत्त नदीम के पिता जावेद महमूद बेटे की इस उपलब्धि से खासे उत्साहित हैं। उन्होंने कहा कि भारत के लिए खेलने का जो वादा नदीम ने किया था उसे आज पूरा कर दिया।
वे बताते हैं कि बेटे ने जब पहली बार बल्ला पकड़ा था, तब वे बहुत नाराज हुए थे। उसके बल्ले को जला दिया था। तब उसने वादा किया था कि वह भारत के लिए खेलकर दिखाएगा। उसके जुनून को देखकर बाद में उसे प्रोत्साहित किया। आज उसने मेरा सपना पूरा कर दिया।
शहर के बिंदेश्वरी कंपाउंड मोहल्ला निवासी नदीम की मां हुस्न आरा भी बेटे की उपलब्धि पर खुश हैं। वह कहती हैं कि मेरे दोनों बेटे क्रिकेट खेलते हैं। बड़े बेटे अशहद इकबाल ने खेल छोड़ दिया। भारत के लिए खेलने के नदीम के जुनून ने ही उसे इस मुकाम तक पहुंचाया है। उनको अपने बेटे की उपलब्धि पर गर्व है।
उनके घर बधाई देने पहुंचे पूर्व उपमहापौर सैयद माजिद हुसैन ने कहा कि छोटे शहर के इस युवा ने बड़ी उपलब्धि हासिल कर पांच लाख शहरवासियों को गौरवान्वित होने का मौका दिया है। नदीम ही नहीं, उसके परिजनों को भी शहरवासी बधाइयां दे रहे हैं।
शहर का बेटा शाहबाज नदीम भारत के लिए खेलेगा, यह यहां के क्रिकेट खिलाडिय़ों के लिए गौरव की बात है। इस उपलब्धि के साथ वह मुजफ्फरपुर की अंतरराष्ट्रीय पहचान बन गया है। नदीम की उपलब्धि पर जिला क्रिकेट संघ के पूर्व अध्यक्ष परमानंद सिन्हा उर्फ बमबम जी, पूर्व सचिव रविशंकर शर्मा, अमोद दत्ता, नरेंद्र शर्मा, उत्पल रंजन, मनोज कुमार सिंह आदि ने नदीम के साथ-साथ उसके परिवार को बधाई दी है। कहा कि यह शान की बात है कि शहर का बेटा भारतीय टेस्ट क्रिकेट टीम का हिस्सा बना है।
बता दें कि बिहार के मुजफ्फरपुर निवासी शाहबाज नदीम की ससुराल झारखंड के झरिया में है। झारखंड में ही उनके पिता जावेद महमूद 19 इंस्पेक्टर थे। बाद में वे डीएसपी होकर सेवानिवृत्त हुए। पिता जावेद सेवानिवृत्त होकर बिहार स्थित अपने पैतृक शहर मुजफ्फरपुर रहने के लिए आ गए। उनकी अम्मी भी मुजफ्फरपुर में ही रहती हैं। वहीं नदीम की प्रारंभिक शिक्षा झरिया के डिगवाडीह के डिनोबिली स्कूल से हुई है। बाद में झारखंड की ओर से खेलने लगे।
Input : Dainik Jagran
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