मुजफ्फरपुर: ब्रह्मपुरा थाना क्षेत्र चोरी हुई बाइक की एफआईआर कॉपी देने के लिए पीड़ित से रिश्वत लेने के आरोप में मुंशी बीके सिंह को निलंबित कर दिया गया है. आईजी गणेश कुमार ने मुंशी को निलंबित करते हुए विभागीय कार्रवाई करने का भी आदेश दिया है. सिर्फ कुछ वर्षो के कार्यकाल में ही मुंशी बीके सिंह तीन बार निलंबित हो चुके हैं. सबसे पहले कुढ़नी थाने में रिश्वत लेते हुए उनकी वीडियो वायरल हो गई थी, जिसके चलते उनको निलंबित कर दिया गया. मामले के कुछ समय बाद उनकी तैनाती नगर थाना क्षेत्र में हुई. करीब छह माह बाद ही वह फिर से रिश्वत लेने के आरोप में निलंबित किए गए.
कुछ ही दिनों पहले ब्रह्मपुरा में मुंशी के पद पर तैनात हुए थे. मामला सामने तब आया जब लघु सिंचाई विभाग के लिपिक सुनील कुमार की बाइक जूरनछपरा इलाके से चोरी हो गई. उन्होंने थाने में एफआईआर लिखवाने के लिए आवेदन किया. करीब एक हफ्ते तक मुंशी ने उन्हें थाने के चक्कर कटवाए तब जा कर एफआईआर दर्ज की. पीड़ित सुनील जब एफआईआर की कॉपी लेने के लिए थाने पहुंचे तो मुंशी ने उनसे एक हज़ार रुपए की रिश्वत ली. पीड़ित ने अपनी परेशानी को सोशल मीडिया पर बताया. सोशल मीडिया के ज़रिए ही मामले की खबर आईजी को हुई तो उन्होंने पीड़ित को बुलाकर पूछताछ की. मामले की असलियत जान कर आईजी ने मुंशी बीके सिंह को निलंबित कर दिया.
काजी मोहम्मदपुर थानेदार भी निलंबित
मुजफ्फरपुर में एसएसपी ने काजी मोहम्मदपुर व सदर थानेदार को निलंबित कर दिया है. एसएसपी ने काजी मोहम्मदपुर थानेदार फारुख हुसैन अंसारी और सदर थानेदार संजीव कुमार सिंह निराला के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश भी दिए गए हैं. एसएसपी जय कांत ने बताया कि काम में लापरवाही करने पर यह कार्यवाही की गई है. बता दें कि हाल ही में जब सदर क्षेत्र में शराब माफिया के ठिकाने पर दोनों थानेदारों ने छापेमारी की थी तो उस दौरान उन्हें कुछ नहीं मिला था. पुलिस टीम के लौटने के बाद धंधेबाज ने शराब को ठिकाने लगा दिया. मामले के 3 घंटे बाद उत्पाद विभाग की टीम को इसकी सूचना मिली तो छापेमारी करने पर वहां से शराब बरामद हुई.एसएसपी ने बताया कि छानबीन चल रही है, इसमें कितनी सच्चाई है जांच के बाद पता लगेगा कि पुलिस को वहां से शराब क्यों नहीं मिली.
Source : Hindustan