शहर में सोमवार को भीषण ट्रैफिक जाम रहा। सुबह से लेकर देर शाम तक विभिन्न इलाकों में जाम था। जाम के कारण सभी इलाके में लोग परेशान रहे। कोई देखने वाला नहीं। पुलिस व प्रशासन के वरीय अधिकारी अपने चैंबर में बैठे रहे। प्रमुख सड़कों पर जलभराव के बीच ट्रैफिक जाम से जनता परेशान रही। कई पोस्टों पर जवान भी नहीं दिखे। हालांकि प्रत्येक महीने व पखवारे ट्रैफिक व्यवस्था को बेहतर करने के नाम पर बैठकें आयोजित की जाती हैं। जाम से निपटने की रणनीति बनती है लेकिन स्थिति देख तमाम इंतजाम कागजी प्रतीत होता है। नतीजतन शहर से लेकर हाईवे पर ट्रैफिक जाम बना रहता है।
शहर के अघोरिया बाजार से लेकर आरडीएस कालेज तक जलजमाव के बीच ट्रैफिक जाम की समस्या बनी रही। स्टेशन रोड में भी जलजमाव की स्थिति है। इसी में वाहनों की कतार लगी थी। मोतीझील, जूरन छपरा, भगवानपुर, जीरोमाइल समेत कई जगहों पर पूरे दिन जाम का आलम बना रहा। लोग व्यवस्था को कोस रहे थे। मगर यहां कोई सुनने वाला नहीं है।
कोई सिस्टम नहीं, पूरी व्यवस्था चरमराई : शहर में बड़े-बड़े अधिकारी बैठे हैं ताकि ट्रैफिक व्यवस्था बेहतर हो। इसके लिए कोई सोच नहीं रहा। हर दिन जाम से लोग जूझ रहे हैं। इसी में अगर वीआइपी की गाड़ी फंस जाए तो हाय-तौबा मच जाता है। उनके सुरक्षागार्ड काफिले को आगे निकालकर अपनी डयूटी समाप्त कर लेते हैं, मगर दिन-प्रतिदिन ट्रैफिक व्यवस्था बिगड़ती जा रही है। चौराहों पर जवान तैनात रहते हैं। मगर ट्रैफिक नियम का सही ढंग से अनुपालन नहीं कराया जाता। नतीजा नो इंट्री में ट्रैक्टर का धड़ल्ले से परिचालन कराया जा रहा, मगर कोई देखने वाला नहीं है। इसके कारण हर दिन शहर के विभिन्न चौराहों पर ट्रैफिक जाम की समस्या बनी रहती है।
Source : Dainik Jagran
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