पटना खादी मॉल में पहले महीने में पौने तीन करोड़ रुपये की बिक्री हुई हैं। जाता में पीसा हुआ सत्तू और किसान चाची के अचार की सर्वाधिक मांग हैं। गांधी मैदान के पास स्थित खादी मॉल में गुरुवार को पत्रकारों से रूबरू बिहार राज्य खादी बोर्ड के सीईओ बीएन प्रसाद ने यह जानकारी साझा की।
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उन्होंने बताया कि शीघ्र ही मुंबई, बेंगलुरु, बोधगया व मुजफ्फरपुर में खादी मॉल खोलने की तैयारी है। खादी और कुटीर उद्योग की बिक्री को बढ़ावा देने और रोजगार सृजन के लिए विभिन्न स्तर पर प्रयास जारी हैं। इसी उद्देश्य से खादी बोर्ड द्वारा मॉल में बिकने वाली वस्तुओं का भुगतान आपूर्ति करने वाली संस्थाओं और समितियों को साप्ताहिक किया जा रहा है। जबकि भारत सरकार की संस्था केवीआइसी महीने में करती है। लेकिन खादी बोर्ड ने संस्थाओं और समितियों से 2.44 करोड़ रुपये की खरीदी गई वस्तुओं के एवज में 1.74 करोड़ रुपये का भुगतान किया है। 79 संस्थाओं ने आठ करोड़ रुपये से अधिक की वस्तुओं की आपूर्ति बिहार राज्य खादी बोर्ड को की है।
बकौल बीएन प्रसाद, खादी बोर्ड द्वारा मॉल संचालन का उद्देश्य नो प्रोफिट-नो लॉस के साथ खादी का प्रचार-प्रसार, खादी संस्थाओं से जुड़े कतिनों, बुनकरों को रोजगार का अवसर मुहैया कराना है। इतना ही नहीं, खादी संस्था, समितियों, छोटे-छोटे उद्योगों और कुटीर उद्योगों को बाजार उपलब्ध कराना भी उद्देश्य है। फिलवक्त खादी मॉल में बिहार के अलावा पांच अन्य राज्यों में बने खादी उत्पाद बिक्री के लिए उपलब्ध हैं। वर्तमान में खादी मॉल में करीब साढे पांच करोड़ रुपये स्टॉक का उपलब्ध हैं। प्रतिदिन औसतन दस लाख रुपये की बिक्री हो रही है। उन्होंने बताया कि खादी मॉल में खादी संस्थाओं एवं ग्रामोद्योग द्वारा खादी के सूती, रेशमी, पोली, ऊलेन, साड़ी, ऊलेन बंडी, कंबल, ऊनी चादर, शॉल, स्वेटर, लेदर के बैग, लेदर के जूते, रेडिमेड गारमेंट्स, सौंदर्य प्रसाधन जैसे शैंपू, साबुन, फेसवॉश, तेल, क्रीम, लहठी, चुड़ी के अलावा अचार, पापड़, शहद, चूड़ा, चावल, सत्तू, बेसन, सरसों तेल, पीतल एवं कांसा के बर्तन, मधुबनी पेंटिंग, टिकुली पेंटिंग, उडेन क्राफ्ट, स्टोन क्राफ्ट की विशाल श्रृंखला उपलब्ध हैं।
- पटना खादी मॉल में पहले महीने में हुई पौने तीन करोड़ रुपये की बिक्री
- जांता से पीसा हुआ सत्तू और किसान चाची के अचार की सर्वाधिक मांग
Input : Dainik Jagran