विधि एवं गन्ना उद्योग मंत्री प्रमोद कुमार की सख्ती के बाद मठ-मंदिर की जमीन बचाने का प्रशासन ने प्रयास शुरू कर दिया है। जिले के पारू और कांटी अंचल में मठ-मंदिर की जमीन की मापी शुरू हो गई है। उस जमीन की मापी शुरू हुई है जिसपर मंदिरों का कब्जा नहीं है। मापी शुरू होते ही यह भी बात सामने आने लगी है कि मंदिरों की बहुत सी जमीन बेच दी गई है।
मालूम हो कि विधि मंत्री ने समीक्षा बैठक में अवैध रूप से बेची गई मठ-मंदिर की जमीन के दस्तावेज रद करने का आदेश दिया था। इसे देखते हुए अब बिकी हुई जमीन की जांच होगी कि सही प्रक्रिया अपनाई गई थी या नहीं। धार्मिक न्यास पर्षद की अनुमति नहीं होने की स्थिति में निबंधन रद कराया जाएगा। विभाग ने मठ-मंदिरों की जमीन का ब्योरा वेबसाइट पर अपलोड कर दिया है। वहीं जमीन का मालिकाना हक संबंधित देवता को दिए जाने की कार्रवाई शुरू की है। पुजारी या सेवइत द्वारा अब जमीन की खरीद-बिक्री नहीं हो सकेगी। जिला प्रशासन ने भी जिले में मठ मंदिर की जमीन की रिपोर्ट तैयार की थी। इसमें जिले में मठ मंदिरों की सात सौ एकड़ जमीन उपलब्ध होने की बात कही गई थी।
नोडल पदाधिकारी एवं अपर समाहर्ता राजेश कुमार ने बताया कि मापी की यह प्रक्रिया दो माह भी चल सकती है। अंचलाधिकारियों को इसे लेकर निर्देश दिए गए हैं। रिपोर्ट आने के बाद विभाग को भेजा जाएगा।
Source : Dainik Jagran