मुजफ्फरपुर के सरकारी अस्पताल में इलाज के लिए अपनाई जानेवाली प्रक्रिया को आसान बनाने की पहल हुई है। पायलट प्रोजेक्ट के तहत सदर अस्पताल, रेफरल अस्पताल सकरा व सीएचसी कुढऩी का चयन किया गया है। नए सिस्टम से रजिस्ट्रेशन काउंटर से बार-बार पर्ची कटाने का झंझट नहीं होगा। अब काउंटर से पर्ची की जगह मरीज को विशिष्ट नंबर मिलेगा। पूरी तकलीफ आनलाइन पर्चे पर दर्ज की जाएगी। इसे विशिष्ट नंबर के माध्यम से संबंधित चिकित्सक को भेज दिया जाएगा।

चिकित्सक उक्त नंबर के आधार पर मरीज को देखेंगे। इलाज के बाद कंप्यूटर पर ही दवा लिखेंगे। इंटरनल सर्वर के माध्यम से दवा की पर्ची मेडिसिन काउंटर पर पहुंच जाएगी। वहां जब मरीज पहुंचेगा तो उक्त नंबर के आधार पर उसे दवा उपलब्ध करा दी जाएगी। पायलट प्रोजेक्ट के तहत दो महीने पहले सदर अस्पताल समेत तीन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में इसकी शुरुआत की गई है। चिकित्सक, मेडिसिन स्टोर कीपर और पारा मेडिकल स्टाफ को सर्वर से संबंधित जानकारी दी गई है। राज्य स्वास्थ्य समिति की ओर से शुरू इस ‘वामिनीÓ हेल्थ मैनेजमेंट सिस्टम के प्रयोग की सफलता को स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी परखेंगे। इसके बाद इसे पूरे जिले में लागू करने की योजना है। इस योजना से भविष्य में मरीजों का रिकार्ड भी सुरक्षित रहेगा।

चिकित्सक के पास होगा अपना डेस्क टाप, खुद का सर्वरभी

स्वास्थ्य विभाग की इस योजना को जमीन पर उतारने में सहयोग कर रही पिरामल स्वास्थ्य के क्षेत्रीय प्रबंधक विजय शंकर पाठक ने बताया कि नई तकनीकी का ट्रायल चल रहा है। दिसंबर में इसका विधिवत शुभारंभ कर दिया जाएगा। इसके लिए सिस्टम लगाने का काम युद्ध स्तर पर चल रहा है। इस सिस्टम के जरिए राज्य स्तर के अधिकारी सीधे देख सकते हैं कि कितने मरीज आए, उनका किस तरह से इलाज हुआ और सरकार की ओर से मिलने वाली कितनी तरह की दवा उसको मिल रही है। आने वाले दिनों में पीएमओ कार्यालय से भी जोडऩे की कवायद चल रही है। इससे हर स्तर पर निगरानी हो सके।

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इस तरह से पड़ा नाम

क्षेत्रीय प्रबंधक बताते हैं कि वामिनी छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले के एक गांव का नाम है। जहां पर सर्वप्रथम इस मैनेजमेंट सिस्टम का सफल क्रियान्वयन किया गया। उसकी सफलता को देखते हुए इस एप्लीकेशन का नाम वामिनी पड़ा।

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मरीज को ये होगा लाभ

– मरीज को एक बार निबंधन कराने के बाद बार-बार पर्ची कटाने से मुक्ति मिलेगी।

-पुराने मरीज को अपनी रोग हिस्ट्री बताने की जरूरत नहीं होगी। इससे समय की बचत व विशेषज्ञ चिकित्सक से इलाज कराने में सहूलियत होगी।

-दूसरी बार दिखाने वाले मरीजों की भीड़ निबंधन काउंटर पर नहीं लगेगी।

-नए सिस्टम से इलाज में सुविधा मिलेगी। तीन जगह पर यदि सिस्टम का सफल प्रयोग हुआ तो जिले के सभी पीएचसी को इस सिस्टम से जोड़ दिया जाएगा। – डा.विनय कुमार शर्मा, सिविल सर्जन, मुजफ्फरपुर

Source : Dainik Jagran

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