लोकमान्य तिलक टर्मिनल से जयनगर तक जानेवाली पवन एक्सप्रेस रात 8:39 बजे स्थानीय जंक्शन पहुंची। स्टेशन पर पहले से मुंबई से आ रहे यात्रियों की कोविड-19 जांच के लिए कोई व्यवस्था नहीं की गई थी। आरपीएफ और जीआरपी की ओर से भी सख्ती नहीं दिखी। परिणामस्वरूप ट्रेन से उतरने के बाद प्लेटफॉर्म संख्या एक पर हजारों यात्रियों का हुजूम बाहर की ओर निकला। कई यात्री बिना मास्क के ही प्लेटफॉर्म पर खड़े थे। यही नहीं जंक्शन परिसर में ही खड़े गाड़ी चालकों ने ट्रेन से उतरे यात्रियों को सवार कर बाहर की ओर लेकर निकल गए। ट्रेन आने के आधा घंटे बाद तक पूरे परिसर में अफरातफरी का माहौल रहा। सुबह से जंक्शन पहुंची अन्य ट्रेनों से उतरे यात्रियों में भी अधिकतर की जांच नहीं की गई।

जांच के लिए एक ही कर्मी

जंक्शन पर ऐच्छिक कोरोना जांच केंद्र पर दोपहर के बाद एक ही महिला कर्मी मौजूद थीं। वही लोगों का नाम लिखकर जांच करके रिपोर्ट भी तैयार कर रही थीं। इससे जब ट्रेन से यात्री उतरे तो भीड़ देख बिना जांच कराए ही काफी लोग बाहर निकल गए।

सुबह में डेढ़ घंटे तक बंद रही जांच

जांच कार्य में लगे कर्मियों को मास्क और ग्लव्स उपलब्ध नहीं कराए जाने से सुबह के समय करीब डेढ़ घंटे तक जंक्शन पर जांच कार्य ठप रहा। इसकी शिकायत मिलने पर कर्मचारियों को मास्क व ग्लव्स उपलब्ध कराए गए। इसके बाद जांच शुरू हो सकी।

रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद भी जंक्शन पर घूमती रही महिला

पारू प्रखंड की एक महिला की शनिवार को जांच में रिपोर्ट पॉजिटिव आई। जांच कर्मी ने महिला को बुलाकर बाहर नहीं टहलने को कहा, लेकिन वह बाहर निकल गई। प्लेटफॉर्म और टिकट काउंटर की ओर से होकर बाहर परिसर में घूमती रही। कर्मियों ने जब उसे फटकार लगाई गई तो वह बाहर निकल गई। महिला और उसके पति दोनों संक्रमित पाए गए हैं।

जंक्शन पर 11 लोगों में संक्रमण की पुष्टि

स्थानीय जंक्शन पर शनिवार को करीब 150 यात्रियों की कोरोना जांच की गई। इसमें कुछ स्थानीय लोग भी शामिल रहे। कुल 11 लोगों में कोरोना संक्रमण की पुष्टि की गई। इससे पूरे दिन जंक्शन परिसर में हड़कंप मचा रहा।

Input: Dainik Jagran

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