शहर में लोकल जार बंद पानी के कारोबार पर रोक लगेगी। इसको लेकर नगर निगम ने शहरी क्षेत्र के 242 पानी कारोबारियों को नोटिस जारी किया है। अब इन कारोबारियों को पानी के दोहन व कारोबार के लिए पहले जल संसाधन विभाग से अनापत्ति प्रमाण पत्र लेना होगा। इसके बाद उद्योग का निबंधन करना होगा। क्वालिटी कंट्रोल से पानी की जांच कराकर उसकी रिपोर्ट लेने बाद ही नगर निगम उन्हें अपने क्षेत्र में पानी के कारोबार के अनुमति देगा।

अब बिना लाइसेंस के ये कारोबारी जार बंद पानी का व्यवसाय नहीं कर पाएंगे। नगर आयुक्त मनेश कुमार मीणा ने यह आदेश शहर में हाल के दिनों बढ़े पेयजल संकट के मद्देनजर दिया है। मालूम हो कि बिना किसी अनुमति और लाइसेंस के शहर में जार बंद पानी का कारोबार जारी है। शहर में लगातार गिरते जलस्तर के बावजूद ये पानी का दोहन कर इसका कारोबार कर रहे हैं।

यही नहीं, अधिकतर के पास पानी की गुणवत्ता तक का प्रमाण पत्र नहीं है। सिर्फ सबमर्सिबल बोरिंग और पानी का प्लांट लगाकर वह पानी का कारोबार कर रहे हैं। इससे शहरवासियों को चूना लगाया जा रहा है। उनके स्वास्थ्य पर भी प्रतिकूल असर पड़ रहा है। नगर आयुक्त ने पेयजल की समीक्षा बैठक के बाद उप नगर आयुक्त हीरा कुमारी को शहर के सभी जार बंद पानी कारोबारियों को नोटिस देने और कारोबार जारी रखने पर प्लांट सील करने का आदेश दिया है।

शुक्रवार देर शाम 242 पानी कारोबारियों को नोटिस जारी कर दिया गया। शनिवार तक सभी कारोबारियों को नोटिस तामिल करा दी जायेगी। उप नगर आयुक्त हीरा कुमारी ने इसकी पुष्टि की है।

Input :Hindustan

 

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