सरकारी स्कूलों में संचालित मध्याह्न भोजन योजना में छात्र से अधिक उपस्थिति दिखाकर पैसे का घोटाला करने और निर्देश के बाद भी राशि सरेंडर नहीं करने पर विभाग ने कार्रवाई शुरू कर दी है। मध्याह्न भोजन के निदेशक ने इसको लेकर डीईओ को पत्र लिखा है। कहा है कि जिले में करीब 100 स्कूलों में दो से तीन गुणा अधिक छात्रों की उपस्थिति दिखाकर प्रधानाध्यापकों ने वित्तीय अनियमितता की।

जांच में पकड़े जाने पर उनके खिलाफ जुर्माना लगाया गया। इन स्कूलों को 2018 में पत्र जारी कर राशि जमा करने का निर्देश दिया गया था, लेकिन तीन वर्ष बीत जाने के बाद भी आरोपित प्रधानाध्यापकों से राशि की वसूली नहीं हो सकी है।

आरोपितों से 48.51 लाख रुपये सरेंडर कराने का निर्देश दिया गया था। इसमें से अबतक 20 लाख 85 हजार रुपये की रिकवरी की गई है। जबकि, 27 लाख 66 हजार रुपये की वसूली 28 फरवरी तक हर हाल में करने को कहा गया है। इसमें से 11 स्कूल के प्रधानाध्यापकों ने अपना पक्ष रखते हुए 86 हजार रुपये माफ करने की अपील की है। निदेशक ने कहा कि इसकी जांच करते हुए उचित कार्रवाई करें और शेष प्रधानाध्यानकों से राशि सरेंडर कराएं।

28 फरवरी तक राशि सरेंडर कराने के बाद मार्च में निदेशक फिर इसकी समीक्षा करेंगे। कहा गया है कि जो प्रधानाध्यापक इसमें आनाकानी कर रहे हैं उनके वेतन पर रोक लगाते हुए आगे की कार्रवाई करें। डीईओ अब्दुस सलाम अंसारी ने कहा कि राशि सरेंडर करने के लिए आरोपित स्कूल के प्रधानाध्यापकों को निर्देश दिया गया है। यदि वे शीघ्र राशि सरेंडर नहीं करते हैं तो उनके खिलाफ कार्रवाई करेंगे।

Input: Dainik Jagran

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