चमकी बुखार से मुजफ्फरपुर में हुई सौ से अधिक बच्चों की मौत मामले में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने मीडिया रिपोर्ट के आधार पर स्वत: संज्ञान लिया है। आयोग ने मंगलवार को बिहार सरकार और केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय को नोटिस जारी किया है।
एक्यूट इनसेफेलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) या जापानी बुखार से हुईं मौतों पर रिपोर्ट मांगी है। साथ ही जापानी इंसेफेलाइटिस वाइरस से बचाव व रोकथाम संबंधी राष्ट्रीय कार्यक्रम के कार्यान्वयन की भी रिपोर्ट तलब की है।
राज्य सरकार के मुख्य सचिव और केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के सचिव को भेजे नोटिस में आयोग ने कहा है कि इस बीमारी से निजात पाने के लिए अब तक क्या उपाय किए गए हैं? मुजफ्फरपुर के साथ ही अन्य प्रभावित जिलों के बारे में भी पूछा गया है।
आयोग ने कहा है कि इतनी बड़ी संख्या में बच्चों की मौत का यह मामला सीधे तौर पर मानवाधिकार के उल्लंघन का है। चार सप्ताह में राज्य और केंद्र सरकार जवाब दे। पूछा है कि अस्पताल में भर्ती बच्चों के इलाज और प्रभावित परिवारों को इस स्थिति से उबारने के लिए क्या किया गया है? आयोग ने टीकाकरण की स्थिति भी पूछी है। कहा है कि सही तरह से टीकाकरण न किया जाना, गंदगी भी इसके पीछे कारण हो सकती है। यह भी पूछा है कि इस बीमारी को लेकर लोगों को आवश्यक जानकारी मुहैया कराई गई या नहीं।
NHRC issues a notice to Chief Secretary, Govt of Bihar & Secretary, Union Ministry of Health & Family Welfare, calling for a detailed report in deaths due to Acute Encephalitis Syndrome in Muzaffarpur, Bihar. pic.twitter.com/xoy6INKZ8S
— ANI (@ANI) June 17, 2019
आयोग ने कहा है कि यह भयावह बीमारी देश में जानलेवा हो रही है। कुछ समय पूर्व उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में भी जापानी बुखार से हुई 60 बच्चों की मौत का हवाला दिया गया है।
Input : Live Hindustan