जलनिकासी योजनाओं की धीमी प्रगति के कारण इस साल फिर शहर बारिश के पानी में डूबेगा। हालांकि नगर निगम शहर की सभी छोटी-बड़ी नालियों के उड़ाही का प्लान तैयार कर रहा है लेकिन इससे बारिश का पानी शहर से बाहर नहीं निकल पाएगा। बारिश का पानी शहर से बाहर निकालने के लिए 183.40 करोड़ की जलनिकासी योजना का कार्य धीमी गति से चल रहा है। योजना के तहत बनने वाला एसटीपी भूमि विवाद में फंसा हुआ है। विवाद को समाप्त करने के लिए जिला प्रशासन द्वारा की जा रही कवायद सफल नहीं हो पा रही है।

हर साल शहर के बीचोबीच से गुजरने वाले रेल लाइन के कारण बारिश का पानी बाहर नहीं नकल पाता है। इसका निदान निकालने के लिए उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद की अध्यक्षता में हुई निगम, जिला प्रशासन एवं रेलवे की संयुक्त बैठक फिलहाल किसी सार्थक नतीजे पर नहीं पहुंच सकी है। माड़ीपुर फ्लाई ओवर से बीबीगंज पुल तक रेलवे लाइन के किनारे नाला निर्माण की योजना भी फिलहाल ठंडे बस्ते में है।

शहर के पश्चिमी भाग से बारिश का पानी निकालने को लेकर भी अबतक कोई कारगर योजना नहीं बनी है। जल निकासी की योजनाओं का लाभ इस साल भी शहरवासियों को नहीं मिल पाएगा। लोगों को हर साल की तरह इस बार भी जलजमाव की पीड़ा झेलनी पड़ेगी।

Input: Dainik Jagran

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