राज्य कर्मचारी बीमा निगम से मुज़फ़्फ़रपुर जिले के 477 प्रतिष्ठानों के द्वारा कर्मियों के पंजीकरण न कराने को लेकर लोक चेतना दल के राष्ट्रीय प्रवक्ता शकिन्द्र कुमार यादव ने सहायक निदेशक, बीमा प्रशाखा-2, पटना को प्रतिष्ठान संचालकों के विरुद्ध विरुद्ध कठोरतम कार्रवाई करते हुए इन प्रतिष्ठानों में कार्यरत कर्मियों के हितों की रक्षा हेतु विधि सम्मत कार्रवाई करने की शिकायत की है।
शकिन्द्र कुमार यादव ने इन सभी प्रतिष्ठानों को कर्मचारियों का शोषक बताया और कहा कि कर्मचारी बीमा निगम द्वारा लाभ को न देकर उनका शोषण किया जा रहा है और इस शोषक प्रतिष्ठानों का रक्षक कर्मचारी राज्य बीमा निगम के स्थानीय कर्मचारी और पदाधिकारी है। इन दोनों पर सख्त से सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।
क्या है फायदे ईएसआईसी से निबंधन पर:-
अधिनियम की धारा 46 निम्नलिखित छह सामाजिक सुरक्षा हितलाभ :-
बीमाकृत व्यक्ति और उसके परिजनों को बीमा योग्य रोजगार में आने के दिन से पूर्ण चिकित्सा देखरेख प्रदान की जाती है। एक बीमाकृत व्यक्ति और उसके परिजनों के उपचार पर व्यय की कोई अधिकतम सीमा नहीं है । सेवा निवृत्त और स्थायी अपंग बीमाकृत व्यक्तियों और उसके पति/पत्नी को रुपये 120/- के सांकेतिक वार्षिक प्रीमियम पर चिकित्सा देखरेख प्रदान की जाती है ।
- उपचार की प्रणाली
- चिकित्सा हितलाभ का पैमाना
- सेवानिवृत्त बीमाकृत व्यक्तियों को हितलाभ
- राज्य में चिकित्सा हितलाभ का प्रशासन
- अधिवासीय/ गृह उपचार
- विशेषज्ञ परामर्श
- भर्ती रोगी उपचार
- प्रतिछाया सेवाएँ
- कृत्रिम अंग एवं सहायक उपकरण
- विशेष व्यवस्थाएं
- प्रतिपूर्ति
बीमारी हितलाभ बीमाकृत कामगार को प्रमाणित बीमारी अवधि के दौरान एक वर्ष में अधिकतम 91 दिनों के लिए उसकी मजदूरी के 70 प्रतिशत की दर से नकद प्रतिपूर्ति के रूप में देय होता है।
34 घातक और दीर्घकालीन बीमारियों के मामले में मजदूरी के 80% की बढ़ी दर से उसे 2 वर्षों तक विस्तारित। इसके अलावा बीमाकृत व्यक्तियों द्वारा बंध्यकरण कराने पर वर्धित बीमारी हितलाभ पुरुष और महिला कामगारों को क्रमशः 7 दिन/14 दिन के लिए पूर्ण मजदूरी के बराबर देय की सुविधा
अस्थायी अपंगता हितलाभ जब तक अपंगता रहती है अस्थायी अपंगता हितलाभ मजदूरी के 90% की दर से अदा किया जाता है । इसके अलावे जिन मामलों में मृत्यु रोजगार चोट या व्यावसायिक दुर्घटना के कारण होती है वहाँ मृतक बीमाकृत व्यक्ति के आश्रितों को मासिक भुगतान के रूप में मजदूरी के 90% की दर से अदा किया जाता है । बीमाकृत व्यक्ति का अंतिम संस्कार करने के लिए संबंधियों को रुपये 10,000/- तक भुगतान करना ।
बेरोजगार भत्ता के तहत तीन या अधिक वर्षों तक बीमित रहने के बाद जो बीमाकृत व्यक्ति कारखाने/संस्थान के बंद होने, छंटनी होने या स्थायी अशक्तता के कारण बेरोजगार हो जाता है वे पात्र होंगे कि:-
दो वर्ष तक की अधिकतम अवधि के लिए मजदूरी के 50% के बराबर बेरोजगार भत्ता ।
बीमाकृत व्यक्ति के बेरोजगार भत्ता प्राप्त करने की अवधि तक स्वयं और उसके परिवार के लिए क.रा.बी. अस्पतालों/औषधालयों से चिकित्सा देखरेख ।
कुशलता बढ़ाने के लिए प्रदत्त व्यावसायिक प्रशिक्षण पर व्यय का क.रा.बी.निगम द्वारा वहन शुल्क/यात्रा भत्ता ।शारीरिक रूप से विकलांग व्यक्तियों को स्थायी रोजगार प्रदान करने के लिए निजी क्षेत्र के नियोक्ताओं के लिए प्रोत्साहन योजना :
शारीरिक रूप से विकलांग व्यक्तियों के लिए ईएसआईसी का लाभ उठाने हेतु न्यूनतम आय सीमा – रूपये 25000/-
शकिन्द्र कुमार यादव ने कहा कि ये सारी सुविधाएं कर्मियों मिल सकती थी लेकिन उन्हें इन 477 प्रतिष्ठान द्वारा वंचित किया गया है इसलिए कार्यरत कर्मियों के हितों की रक्षा होनी चाहिए जिसके लिए लोक चेतना दल हमेशा प्रयासरत रहेगी