विकास नाम की ढोल बजाई जा रही हैं। वार्ड नं. 21 के ब्राह्मण टोली में नाले के ऊपर स्लेब बना तो लोगों ने राहत महसूस की। परन्तु ये राहत ज्यादा दिन नहीं टिकी। महज 2 महीने में ही नवनिर्मित स्लेब पुरी तरह जर्जर हो गया। लोग अब इस रास्ते से इस डर में गुजरतें हैं कि कहीं इन छड़ और गढ्ढें के शिकार न बन जाए। ये सारी मेहरबानी विकास के लिए फंड के रुप में आई सरकारी खजानों को अपनी कमाई समझने वाले लोगों की है।