मुजफ्फरपुर : भाई-बहन के प्यार का त्योहार रक्षाबंधन इस बार तीन अगस्त को मनाया जाएगा। मगर, इस बार रक्षाबंधन पर कोरोना का साया है। ऐसे में भाई की कलाई पर बांधी जाने वाली राखी का बाजार ठंडा पड़ा है। इसका मुख्य कारण है कि लॉकडाउन के कारण बाजार बंद होना है। रक्षाबंधन में 14 दिन शेष है, लेकिन बाजार में सन्नाटा पसरा हुआ है। ऐसे में हर साल बाजार व गलियों में कई दुकानों पर राखी दिखाई देने लगती थी। मगर, इस बार बाजार बंद होने से भाइयों की कलाई पर बहनें राखी कैसे बंधेगी। कहीं इस लॉकडाउन में भाइयों की कलाई सूनी न रह जाए, यह चिंता बहनों को चिंता सताने लगी है। क्योंकि बहनें एक महीने पहले से अपने भाइयों को राखी बांधने की तैयारी करती हैं। यदि बहनों के भाई घर से दूर हैं तो उन्हें पार्सल से राखी भेजती हैं। लेकिन, इस कोरोना काल में बहनों की सारी उम्मीदों पर पानी फिर गया है।

Raksha Bandhan 2020: Women in Chhattisgarh make rakhi from cow ...

सराफा बाजार बंद, चांदी की राखी भी अटकी: रेशम की डोरी वाली राखी का स्टॉक कम होने के साथ इस बार चांदी की राखी का स्टॉक भी अटक गया है। सराफा बाजार भी 31 जुलाई तक बंद होने के कारण व्यापारियों का माल अटक गया है। सराफा कारोबारी ने बताया कि इस बार कम ही व्यापारियों ने चांदी की राखी बनवाई है, लेकिन बाजार बंद हो जाने के कारण उनका माल भी अटक गया है।

  • ठंडा पड़ा है राखी का बाजार, कम व्यापारियों ने बनवाई चांदी की राखी पूंजी फंसने का सता रहा डर
  • बहनों को सताने लगी भाइयों को राखी भेजने की चिंता, कोरोना काल में उम्मीदों पर फिर रहा पानी

राखी है तैयार, पर बाजार बंद

राखी कारीगर संजय ने बताया कि रक्षाबंधन से तीन-चार महीने पहले ही राखी का स्टॉक तैयार किया जाता है। मगर, इस साल मार्च से ही लॉकडाउन लग गया। जब अनलॉक शुरू हुआ तो घर के बच्चे व बुजुर्ग मिल कर राखी तैयार करने में जुट गए। लेकिन फिर से 31 जुलाई तक लॉकडाउन लागू होने के कारण अब कमर टूट गई। लगायी गयी पूंजी भी वापस नहीं हो पाएगी, क्योंकि लोग दो दिनों में कितनी खरीदारी कर सकेंगे। यह असमंजस की स्थिति है कि लॉकडाउन बढ़ेगा या खुल जाएगा। ऐसे में पुराना स्टॉक है, वह भी नहीं निकल पाएगा।

राखी विक्रेताओं में बनी असमंजस की स्थिति

राखी विक्रेता सरैयागंज के दीपक गुप्ता उर्फ बबलू ने बताया कि पिछले साल इन दिनों राखी खरीदने वालों की भीड़ रहती थी। गांव से लेकर मोहल्लों में राखी की दुकानें सज जाती थीं, लेकिन इस बार राखी की दुकान लगाने वाले असमंजस में हैं। उन्हें लग रहा है कि वे माल खरीदें और कहीं ऐसा न हो कि 31 जुलाई के बाद भी लॉकडाउन ही रहे या प्रशासन सड़क पर दुकान न लगाने दे तो सारी पूंजी फंस जाएगी। अभी पुलिस वालों का डर अलग है।

चाइनीज राखी का होगा बहिष्कार

इस बीच भारत-चीन तनाव के कारण चीन से आने वाली राखी के बहिष्कार की मांग जोर पकड़ रही है। हालांकि चीन से सीधे राखी का आयात नहीं होता है, मगर राखियों में इस्तेमाल होने वाला सजावटी सामान जैसे फोम, स्टोन, पन्नी आदि चीन से आयात होते हैं।

Input : Dainik Jagran

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