प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में डिजिटल सेवाओं की पहुंच आसान बनाने के लिए भारतीय रेल की ओर से आठ डाटा सेंटरों की स्थापना की जाएगी। रेलवे का सार्वजनिक उपक्रम रेलटेल-पटना, गया, मुजफ्फरपुर, छपरा, हाजीपुर, सीवान, सोनपुर और समस्तीपुर में इसकी स्थापना पीपीपी आधार पर करेगा। इससे स्थानीय स्तर पर होने वाले डिजिटल या ऑनलाइन कारोबार आसान हो जाएंगे।
ऑनलाइन कम्युनिकेशन में डाटा की खपत भी कम होगी और वह सहजता से उपलब्ध भी होगी। इसके अलावा अगली पीढ़ी की डिजिटल तकनीक आधारित सेवाओं तक पहुंच बनाने में सुदूर ग्रामीण इलाकों में भी आसानी होगी। भारत सरकार के डिजिटल इंडिया मिशन को बढ़ावा देने के लिए प्रस्तावित इस योजना के तहत डाटा सेंटरों की स्थापना का मकसद ग्रामीण या अर्द्ध शहरी इलाकों के इंटरनेट उपयोगकर्ताओं को कम लागत में ऑनलाइन सेवाओं तक पहुंच आसान बनाना है। अमूमन डाटा सेंटर बड़े शहरों में होते हैं। इस कारण किसी भी डिजिटल कंटेंट या सेवा तक पहुंच बनाने के लिए उन डाटा सेंटरों से स्थानीय यूजर के उपकरण तक आने में समय और लागत दोनों अधिक लगते हैं। स्थानीय स्तर पर रेलटेल की ओर से इसकी सुविधा उपलब्ध होने से प्रदेश के सुदूर गांव में भी डिजिटल प्लेट़फॉर्म को कम लागत में उपयोग किया जा सकेगा।
क्यों जरूरी है डाटा सेंटरों का विस्तार
स्थानीय स्तर पर डाटा सेंटर होने के कारण यूआईडीएआई के सर्वर से स्थानीय डाटा सेंटर तुरंत कनेक्ट होकर सत्यापित कर देगा। इसी तरह अगर बिहार का कोई व्यक्ति इंटरनेट पर टीवी चैनल संचालित करना चाहता है तो स्थानीय दर्शकों के लिए उसे अधिक खर्च पर बड़े शहरों के डाटा सेंटरों की सेवाएं नहीं लेनी होगी। उसे स्थानीय स्तर पर ही यह सेवा कम लागत में उपलब्ध हो जाएगी। ग्राहक को भी टीवी का डिजिटल कंटेंट स्थानीय डाटा सेंटर से उपलब्ध होने के कारण कम डाटा के खपत से मिल जाएगा। हॉट स्टार या यूट्यूब जैसी स्ट्रीमिंग सेवाएं कारोबार के रूप में कम खर्च में स्थानीय स्तर पर भी स्थापित हो पाएंगी।
Source : Hindustan