अप्रैल-मई में शादी विवाह का लगन होता है। लेकिन, कोरोना वायरस महादशा बनकर आया। इस महीने होनेवाली सैकड़ों शादियां टाल दी गई हैं। अप्रैल-मई के 14 मुहूर्त में होने वाली सैकड़ों शादियों पर कोरोना संकट खड़ा हो गया है। लॉकडाउन के चलते विभिन्न समाजों के सामूहिक आयोजन के साथ ही लोगों ने निजी आयोजन भी रद कर दिए हैं।

इस बार अप्रैल-मई की सभी बुकिंग लोगों ने रद कर दी है। जून में लोग शादी करने से बच रहे हैं। अगर लॉकडाउन हटता भी है तो लोगों को खरीदारी का समय नहीं मिलेगा। जून में बारिश के चलते लोग विवाह करने से बचते हैं। कुछ लोग नवंबर या दिसंबर माह में भी तिथि देख रहे। विवाह भवन वाले, कैटरर्स और बैंड वाले काफी परेशान हैं। उनकी रोजी-रोटी पर संकट आ गया है।

शहर में होटल भव्या, गिरिराज वाटिका, सेलिब्रेशन होटल सहित छोटे बड़े विवाह भवन और धर्मशाला में अप्रैल और मई माह में शादी को लेकर बुकिग की तिथियों को आगे बढ़ाया गया है। कुछ होटल में बुकिग राशि वापसी के लिए भी लोग दबाव भी बना रहे। टेंट संचालकों, बैंड बाजे, हलवाई, वेडिग शूट कराने वाले स्टूडियो संचालकों की भी कई बुकिग की तिथि आगे बढ़ाई गई है।

कोरोना महामारी ने बदल दी लोगों की दिनचर्या

देश में बढ़ती कोरोना महामारी की वजह से लॉकडाउन की अवधि अब तीन मई तक बढ़ा दी गई। इस कारण लोगों की दिनचर्या में काफी बदलाव देखने को मिल रहा। पहले जहां घर के बड़े-बुजुर्ग को लोग पैर छूकर प्रणाम करते थे, अब हाथ जोड़कर एक निश्चित दूरी से ही प्रणाम करते हैं। इसके साथ ही लोग अब घर में मन लगाने के लिए रसोई में हाथ आजमा रहे तो महिलाएं घर के बच्चों की ट्यूशन शिक्षक बन गईं।

घर-घर बना मंदिर

मन की शांति के लिए अपनी-अपनी आस्था के अनुरूप लोग मंदिर जाकर पूजा-अर्चना करते थे। वहीं, घर के वृद्ध ठाकुरबाड़ी और मंदिर ने भजन कीर्तन को जाते थे। लेकिन, लॉकडाउन के कारण अब लोग घरों में ही पूजा -अर्चना करते हैं। आरती-संध्या भी घरों से ही होने लगी।

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