नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना वायरस (Coronavirus) के संक्रमण को रोकने के लिए लागू किए गए लॉकडाउन (Lockdown)से हुई परेशानी के लिए लोगों, खासकर मजदूरों तथा कम आमदनी वाले लोगों से रविवार को माफी मांगते हुए देशवासियों से कोरोना को परास्त करने के लिए डॉक्टरों की सलाह मानने और लॉकडाउन का पालन करने की अपील की. पढ़ें मन की बात में पीएम मोदी की कही 10 खास बातें…
- पीएम मोदी ने ‘मन की बात’ कार्यक्रम में देशवासियों से कहा कि लॉकडाउन लागू करने के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं था.
- उन्होंने कहा, ‘मैं आप सभी को जो भी कठिनाई हुई है उसके लिए क्षमा मांगता हूं.’ उन्होंने कहा कि बीमारी का प्रकोप फैलने से पहले ही उससे निपटना चाहिये वरना बीमारी असाध्य हो जाती है.
- पीएम मोदी ने कहा, ‘कोरोना सभी को चुनौती दे रहा है. ये देश की सीमाओं से परे है. यह मानव जाति को समाप्त करने की जिद ठान कर बैठा है. लेकिन हमें इसका खात्मा करने का संकल्प लेकर ही आगे बढ़ना होगा.’
- उन्होंने लोगों से आने वाले कई दिनों तक धैर्य बनाए रखने की अपील की. उन्होंने कहा कि हमें लक्ष्मणरेखा का पालन करना ही है.
- उन्होंने कहा कि कुछ लोग नियमों का अब भी पालन नहीं कर रहे हैं. उनसे यही कहना है कि अगर लॉकडाउन का पालन नहीं करेंगे तो इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी, क्योंकि कुछ देशों ने इसे गंभीरता से नहीं लिया, इसकी वे आज कीमत चुका रहे हैं.
- मोदी ने कहा कि इस संघर्ष में अग्रिम पंक्ति में लगे कई योद्धा खासकर नर्स बहनें, डाक्टर पारामेडिकल स्टाफ कोरोनो को पराजित कर चुके हैं, उनसे प्रेरणा लेनी है. उन्होंने ऐसे ही कुछ लोगों से कार्यक्रम के दौरान फोन पर बात की.
- पीएम मोदी ने हैदराबाद के आईटी विशेषज्ञ रामगंपा तेजा से बात की. राम ने उन्हें बताया कि वह आईटी सेक्टर की एक बैठक में हिस्सा लेने के लिये दुबई गये थे. दुबई से भारत वापस आते ही उन्हें बुखार हुआ. हैदराबाद में एक अस्पताल में उन्हें कोरोना के परीक्षण में संक्रमण की पुष्टि हुई. राम ने बताया कि उन्होंने डाक्टरों की देखरेख में इलाज कराया और 14 दिन बाद ठीक होकर अस्पताल से छुट्टी मिली.
- प्रधानमंत्री ने उनके अनुभवों से देशवासियों से सबक लेने की अपील करते हुये कहा कि राम ने हर उस निर्देश का पालन किया जो डाक्टर ने दिये. तभी वह कोरोना को पराजित कर स्वस्थ हो सके.
- कोरोना वायरस से लड़ने का कारगर तरीका सामाजिक दूरी है. हमें समझना होगा कि सामाजिक दूरी का मतलब सामाजिक संपर्क खत्म करना नहीं बल्कि ये समय सामाजिक दूरी को बढ़ाने और भावनात्मक दूरी घटाने का है. इस संकट की घड़ी में गरीबों, भूखें लोगों की हमें मदद करनी चाहिए. यही हमारे संस्कार और संस्कृति है : मन की बात में पीएम मोदी
- ‘मन की बात’ के लिए फिर अगले महीने मिलेंगे और तब तक इस संकट को मात देने में हम सफल हो भी जाएं, इसी एक कल्पना के साथ, इसी एक शुभकामना के साथ, आप सबको बहुत-बहुत धन्यवाद: पीएम मोदी