वैश्विक महामारी कोरोना वायरस संक्रमण के प्रसार को नियंत्रित करने में सरकार एक ओर जहां वैक्सीनेशन पर जोर दे रहे हैं, वहीं लोग इस वैक्सीन से डरकर जान देने पर तुले हैं। राजधानी लखनऊ से सटे जिले बाराबंकी में 1500 लोगों की आबादी वाले गांव में लोगों को जैसे ही पता चला कि आज उनके गांव में कोरोना वैक्सीनेशन होना है, यह लोग भागकर नदी में कूद गए। करीब कमर भर पानी की गहराई में बैठे इन लोगों का कहना था कि हमको पता है कि अगर हम लोग यह वैक्सीन लगवा लेंगे तो हम लोग मर जाएंगे। किसी तरह से एसडीएम ने इनको समझाया तब यह लोग पानी से बाहर निकले।
बाराबंकी जिले में कोरोना की वैक्सीन को लेकर लोगों में इस कदर खौफ है कि गांव में टीकाकरण करने वाली टीम को देख कर घबराए ग्रामीण सरयू नदी में कूद पड़े। जिला मुख्यालय से 70 किलोमीटर दूर तराई में रामनगर ब्लाक में सिसौड़ा गांव की आबादी करीब 1500 है। गांव में वैक्सीन को लेकर लोगों में इतना डर है कि जब स्वास्थ्य विभाग की टीम यहां वैक्सीनेशन के लिए पहुंची तो करीब दो दर्जन से अधिक लोग सरयू नदी किनारे पहुंच गए। टीम जब नदी किनारे पहुंची तो इन लोगों ने नदी में छलांग लगा दी। वैक्सीन के डर से ग्रामीण गांव खाली कर परिवार सहित पास की सरयू नदी के किनारे चले गए। स्वास्थ विभाग की टीम नदी किनारे जाने लगी तो उन्हेंं आते देख महिलाएं और पुरुष समेत सभी लोगों ने नदी में छलांग लगा दी और घंटों नदी में बैठे रहे।
गांव वाले बोले- अगर हमको वैक्सीन लगी मर जाएंगे: बाराबंकी में घाघरा नदी में कमर तक पानी में खड़े दो दर्जन से अधिक लोगों को काफी देर तक पानी से बाहर आने के लिए मनाया गया। यह लोग एक ही रट लगाए थे कि हमको पता है कि अगर हम लोगों को कोरोना की वैक्सीन तो हम लोग मर जाएंगे। वैक्सीन को लेकर ग्रामीणों में इस कदर भ्रांतियां फैली हैं कि 1500 लोगों की आबादी वाले सिसौड़ा गांव में प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की कड़ी मशक्कत के बावजूद सिर्फ 14 लोगों ने वैक्सीन लगवाई।
Input: dainik jagran