बदरीनाथ धाम के कपाट आज (शुक्रवार) तड़के सुबह 4:30 बजे वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ खोले गए। पूरे मंदिर को फूलों से सजाया गया है। कपाट खोलने के दौरान वहां पर सोशल डिसटेंसिंग का पालन करते हुए मुख्य पुजारी रावल के साथ 27 लोग ही मौजूद थे। ऐसा पहली बार होगा जब बदरीनाथ मंदिर के कपाट खुलने के समय सीमित संख्या में ही लोग मौजूद रहे। पुजारी रावल के अलावा धर्माधिकारी, अपर धर्माधिकारी, सीमित संख्या में ही हक हकूकधारी और देवस्थानम बोर्ड के अधिकारी, कर्मचारी मौजूद रहे।
बदरीनाथ मंदिर के कपाट शुक्रवार को तड़के सुबह 4:30 बजे धनिष्ठा नक्षत्र पर खोले गए। सबसे पहले बदरीनाथ मंदिर के सिंहद्वार के द्वार वेद मंत्रों की ध्वनि के साथ खोले गए। द्वार के ताले की चाबी देवस्थानम बोर्ड के द्वारा खोली गई। इसके बाद मंदिर के गर्भ गृह के द्वार के खोले गए। मंदिर खुल जाने के बाद उद्धघाटन समारोह में मौजूद सभी लोगों ने पूजा कर भगवान बद्री विशाल जी से जल्द ही संसार को कोरोना से मुक्त होने की कामना की।
Uttarakhand: The portals of Badrinath Temple opened at 4:30 am today. 28 people including the Chief Priest was present at the temple when its portals opened. pic.twitter.com/jVDGmoZ9Vs
— ANI (@ANI) May 15, 2020
रावल ने सबसे पहले प्रवेश किया
भगवान बदरी विशाल के गर्भ गृह के द्वार खुलते ही सबसे पहले बदरीनाथ के रावल ईश्वरी प्रसाद नम्बूदरी ने गर्भ गृह में सबसे पहले प्रवेश किया। शीतकाल में जिस ऊनी घृत कम्बल को भगवान ओढ़ाया गया था उसे रावल जी ने श्रद्धा पूर्वक निकाला। इसके बाद रावल ने पवित्र जलों से भगवान का स्नान करवाया और भव्य अभिषेक किया। इस दौराना सभा मंडप में धर्माधिकारी और अपर धर्माधिकारी वेद पाठी मंत्रोच्चार करते रहे।
29 अप्रैल को खुले थे केदारनाथ धाम के कपाट
विश्व प्रसिद्ध भगवान केदारनाथ धाम के कपाट विधि विधान और पूजा अर्चना के बाद बीते 29 अप्रैल को खोल दिए गए थे। कपाट खुलने के दौरान वहां पर तीर्थयात्री और स्थानीय लोगों की कमी साफ देखी गई थी। कोराना संकट के चलते यह पहला मौका था जब कपाट खुलने पर बाबा के दरबार में भक्तों का टोटा नहीं था।
26 अप्रैल को खुले थे गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट
विश्व प्रसिद्ध गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट रविवार को अक्षय तृतिया के मौके पर वैदिक मंत्रोच्चारण व पूजा-अर्चना के साथ श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए खोल दिए गए। गंगोत्री धाम के कपाट 12:35 व यमुनोत्री के कपाट ठीक दोपहर 12:41 पर खोले गए। दोनो धामों के कपाट खुलने के बाद आगामी छह माह तक श्रद्धालु धामों में मां गंगा व यमुना के दर्शनों के भागी बन सकेंगे। हालांकि लॉकडाउन के कारण कपाट खोलते वक्त श्रद्धालु नहीं पहुंच सके।