मुजफ्फरपुर : प्रदेश में 2016 से शराबबंदी के बाद से ही मुजफ्फरपुर पुलिस शराब तस्कराें से मिलीभगत या रुपए लेकर थाने से आराेपित काे छाेड़ने काे लेकर कठघरे में रही है। दाे थानेदार और एक एएसआई पर जब्त शराब की मात्रा में हेराफेरी कर थाने से शराब काराेबार का रैकेट चलाने के लिए एफआईआर है। करजा के प्रभारी थानेदार काे ढाई लाख रुपए में एक ट्रक स्प्रिट सुरक्षित शराब माफिया के ठिकाने तक पहुंचाने के आराेप में जेल भेजा गया।
तत्कालीन एसएसपी विवेक कुमार के आवास पर आर्थिक अपराध इकाई के अधिकारियाें ने शराब या अन्य स्राेत से अवैध आय करने काे लेकर छापेमारी की थी। इस बीच एसएसपी जयंत कांत ने शराब तस्कराें से मिलीभगत या शराब मामले में फंसे पुलिसकर्मियाें पर कार्रवाई की स्थिति की जाे रिपाेर्ट मुख्यालय काे भेजी है, वह और चाैंकाने वाली है।
रिपाेर्ट के मुताबिक जिले के 30 पुलिसकर्मी शराब मामले में फंसे हैं। उनमें 7 इंस्पेक्टर, 11 दाराेगा, 1 जमादार, 5 सिपाही और 6 चाैकीदार शामिल हैं। इन 30 पुलिसकर्मियों में एक काे निर्दाेष पाया गया है। मामले में 4 काे बर्खास्त किया गया है और 19 पर लंबे समय से विभागीय कार्यवाही चल रही है। कई पुलिसकर्मियाें के खिलाफ विभागीय जांच कई माह से अटकी है। इस वजह से वे सख्त कार्रवाई से बच कर ड्यूटी पर तैनात हैं।
इन सबके खिलाफ चल रही है विभागीय जांच
इंस्पेक्टर अविनाश चंद्रा, रजनीश कुमार, कुमार अमिताभ, संजीव सिंह निराला, फारुख हुसैन अंसारी, दिनेश कुमार, सब इंस्पेक्टर बृज किशाेर यादव, सराेज कुमार, सिकंदर कुमार, मनाेज राम निराला, औरंगजेब आलम, एएसआई अमेरिका प्रसाद, सिपाही निर्भय कुमार, चंद्रदेव पासवान, चाैकीदार याेगेंद्र पासवान, रामनाथ पासवान, माेतीबुल रहमान और सूर्यदेव राय।
इन चारों को किया जा चुका है बर्खास्त
सब इंस्पेक्टर भगवान सिंह, रामेश्वर सिंह, सिपाही हरेराम प्रसाद और नीरज कुमार।
इन्हें मिली कालांक, निंदन अथवा वेतन वृद्धि राेक की सजा
शराब तस्कर की पार्टी में अपनी सर्विस पिस्टल से फायरिंग करने वाले सिपाही पुलिन कुमार और रवींद्र सिंह, शराब मामले में थाने से गिरफ्तार आराेपित काे रुपए लेकर छाेड़ने वाले इंस्पेक्टर गाेरख बैठा व दाराेगा शशिरंजन कुमार, शराब पार्टी करते वीडियाे वायरल मामले में दाराेगा श्यामबिहारी सिंह, शराब के नशे में गिरफ्तार आराेपित काे थाने से छाेड़ने के आराेपित दाराेगा संजय स्वरूप।
थाने से शराब बेचनेवाले 2 इंस्पेक्टर व एक एएसआई पर 2 वर्षों से अटकी है कार्यवाही
मद्य निषेध ने 14 जनवरी 19 काे माेतीपुर थाने में छापेमारी की थी। तत्कालीन थानेदार कुमार अमिताभ व एएसआई अमेरिका प्रसाद पर थाने से शराब काराेबार का आराेप लगा था। थाने में जब्त शराब का मिलान हुआ ताे काफी मात्रा में अवैध शराब मिली। थानेदार-जमादार पर एफआईआर के बावजूद कार्यवाही लंबित है। मीनापुर के तत्कालीन थानेदार रजनीश कुमार पर भी यही आराेप है, लेकिन विभागीय कार्यवाही लंबित है।
इधर, थानेदार को निलंबन मुक्त करने को रिपोर्ट में जब्त शराब की मात्रा ही घटा दी
तत्कालीन सदर थानेदार संजीव सिंह निराला, तत्कालीन काजी माेहम्मदपुर थानेदार एफएच अंसारी ने शराब तस्कर सुरेंद्र यादव के घर छापा मारा, पर खाली हाथ लाैटे। कुछ देर बाद उत्पाद की टीम ने वहीं से 18 कार्टन शराब जब्त की। तस्कर से संलिप्तता पर 13 फरवरी काे दोनों निलंबित किए गए, पर 26 काे निलंबन मुक्त हाे गए। इसके लिए जांच रिपाेर्ट में जब्त शराब की मात्रा घटाकर महज 25 बाेतल लिखी गई है।
शराब तस्करी के मामलाें में पुलिसकर्मियाें पर लंबित विभागीय कार्यवाही काे अभियान चलाकर निष्पादन करने का निर्देश तिरहुत रेंज के चाराें एसपी काे दिया गया है। काफी समय से जाे मामले लंबित हैं, उनकी वजह क्या है इसकी समीक्षा करुंगा। सदर थानेदार काे बचाने के लिए यदि जब्त की गई शराब की मात्रा कम दिखाई गई है ताे उसके लिए उत्पाद विभाग से सूची लेकर मिलान कराएंगे। गड़बड़ी पर सख्त कार्रवाई हाेगी।-गणेश कुमार, आईजी।
Source : Dainik Bhaskar